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विवाह पंचमी की पूजा में जरूर करें ‘इस’ कथा का पाठ, वरना फलित नहीं होगी पूजा

Vivah Panchami :मंगलवार 25 नवंबर,को विवाह पंचमी मनाई जा रही है। विवाह पंचमी का व्रत करने वाले भक्तों को व्रत कथा का पाठ अवश्य करना चाहिए। इसके बिना व्रत अधूरा माना जाता है।

  • By सीमा कुमारी
Updated On: Nov 24, 2025 | 11:37 PM

विवाह पंचमी कथा (सौ.सोशल मीडिया)

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Vivah Panchami Katha in Hindi: मंगलवार 25 नवंबर,को विवाह पंचमी मनाई जा रही है। यह शुभ तिथि मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम और माता सीता के वैवाहिक वर्षगांठ के रूप में मनाया जाता है। हर साल मार्गशीर्ष मास के शुक्लपक्ष की पंचमी तिथि को मनाया जाने वाला ‘विवाह पंचमी’की धूम मिथिलांचल और नेपाल में देखने लायक होती है।

हिंदू मान्यता के अनुसार, इस दिन देश के सारे मंदिरों में भगवान राम और माता सीता की पूजा अर्चना होती है। ऐसी मान्यता है कि इस दिन माता सीता और भगवान श्रीराम की पूजा की जाती है और व्रत रखा जाता है।

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, विवाह पंचमी के दिन मंदिरों में राम-सीता का विवाह का आयोजन किया जाता है। विवाह पंचमी का व्रत करने वाले भक्तों को व्रत कथा का पाठ अवश्य करना चाहिए। इसके बिना व्रत अधूरा माना जाता है।

ये रहने वाला है विवाह पंचमी पूजा शुभ मुहूर्त

विवाह पंचमी पर माता सीता और भगवान राम की पूजा के लिए ब्रह्म मुहूर्त, अभिजीत मुहूर्त और गोधुलि मुहूर्त शुभ होता है।

25 नवंबर को ब्रह्म मुहूर्त सुबह 04 बजकर 20 से 04 बजकर 59 मिनट तक, अभिजीत मुहूर्त सुबह 11 बजकर 47 मिनट से दोपहर 12 बजकर 29 मिनट तक और गोधुलि मुहूर्त शाम 07 बजकर 44 मिनट से रात 08 बजकर 44 मिनट तक रहेगा। आप इन मुहूर्त में विवाह पंचमी की पूजा कर सकते हैं।

ये है विवाह पंचमी व्रत कथा

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, मार्गशीर्ष माह की शुक्ल पक्ष पंचमी को माता सीता का स्वयंवर हुआ था। राजा जनक ने स्वयंवर का आयोजन किया था। इस स्वयंवर में कई महान और ताकतवर राजा आए थे।

भगवान श्रीराम गुरु वशिष्ठ के साथ स्वयंवर में पहुंचे थे। स्वयंवर में राजा जनक ने राजा शिव के विशाल धनुष पिनाक को उठाकर उस पर प्रत्यंचा चढ़ाने की शर्त रखी थी।

जो भी राजा शिव के विशाल धनुष को उठा लेगा और प्रत्यंचा चढ़ा देगा उसके राजा जनक की पुत्री सीता का विवाह होगा। सभी राजा-महाराजाओं ने धनुष उठाने की कोशिश की लेकिन सभी असफल रहे।

ये भी पढ़ें- मंगलवार को बिल्कुल न करें ये काम, वरना भुगतने पड़ सकते हैं परिणाम, जानिए क्या न करें और क्या करें  

भगवान राम ने शिव जी के धनुष पर प्रत्यंचा चढ़ा दी और धनुष टूट गया। इसके बाद भगवान श्रीराम का माता सीता के साथ विवाह हुआ और भगवान राम का तीनों लोकों में यश फैल गया कि, उन्होंने भगवान शिव का धनुष तोड़ दिया। तभी से हर वर्ष मार्गशीर्ष शुक्ल पक्ष पंचमी को विवाह पंचमी मनाई जाती है।

 

During the vivah panchami puja definitely recite this story

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Published On: Nov 24, 2025 | 11:37 PM

Topics:  

  • Religion
  • Sanatana Dharma

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