सावन महीने के अंतिम प्रदोष व्रत (सौ.सोशल मीडिया)
Sawan Last Pradosh Vrat : सावन का महीना अब अंतिम चरण में है। भगवान शिव को समर्पित यह महीना सनातन धर्म में विशेष महत्व रखता है और इस दौरान पड़ने वाले व्रत-त्योहारों का भी अलग महत्व है। आज 6 अगस्त 2025 को सावन महीने का आखिरी प्रदोष व्रत रखा जा रहा है।
यह दिन शिव भक्तों के लिए बहुत खास है, क्योंकि इस दिन व्रत रखने और दान करने से भगवान शिव की असीम कृपा प्राप्त होती है। ज्योतिष-शास्त्र के अनुसार, इस दिन कुछ खास चीजों का दान करने से भगवान शिव अति प्रसन्न होते हैं और भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूर्ण करते है। ऐसे में आइए जानते हैं सावन महीने के आखिरी प्रदोष व्रत के दिन किन चीजों का दान करना शुभ माना जाता है।
ज्योतिष-शास्त्र के अनुसार, सावन महीने के अंतिम प्रदोष व्रत के दिन बेलपत्र और फल का दान करना शुभ होता है। जैसा कि,आप जानते हैं कि बेलपत्र भगवान शिव को सबसे प्रिय है। आप पूजा के बाद बेलपत्र को किसी मंदिर में दान कर सकते हैं।
इसके अलावा, मौसमी फलों का दान करना भी बहुत शुभ माना जाता है। कहा जाता है कि ऐसा करने से घर में सुख-समृद्धि आती है और भगवान शिव शंकर की असीम कृपा के भक्तों पर सदेव बनी रहती है।
कहा जाता है कि, सावन महीने के आखिरी प्रदोष व्रत के दिन बेलपत्र और फल का दान के अलावा मंदिर में दीपक और घी का दान करना भी बहुत शुभ माना जाता है। घी का दान करने से घर में धन-धान्य की कमी नहीं होती और परिवार में खुशहाली बनी रहती है।
ज्योतिष बताते हैं कि, प्रदोष व्रत के दिन रुद्राक्ष का दान करना भी बहुत शुभ माना जाता है। रुद्राक्ष को भगवान शिव का ही अंश माना जाता है। प्रदोष व्रत के दिन किसी शिव भक्त को रुद्राक्ष भेंट करना या दान करना बहुत ही पुण्य का काम है। कहते हैं कि इससे भोलेनाथ बहुत प्रसन्न होते हैं और व्यक्ति को हर संकट से बचाते हैं।
प्रदोष व्रत के दिन रुद्राक्ष,दीपक और घी का दान के अलावा इस दिन आप चावल, चीनी, दूध और सफेद वस्त्र जैसी चीजों को भी दान कर सकते हैं। ऐसा माना जाता है कि सफेद वस्तुएं दान करने से चंद्रमा मजबूत होता है और मन को शांति मिलती है।
प्रदोष व्रत के दिन किसी गरीब या जरूरतमंद को अन्न और जल का दान करना बहुत ही कल्याणकारी होता है। आप खाने-पीने की चीजें जैसे आटा, दाल, चावल या मिठाई दान कर सकते हैं। इससे जीवन में आने वाली बाधाएं दूर होती हैं।
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वास्तु-शास्त्र के अनुसार, प्रदोष व्रत के दिन दान का सबसे शुभ समय प्रदोष काल यानी सूर्यास्त के बाद का होता है। इस दौरान आप किसी शिव मंदिर में जाकर या किसी गरीब व्यक्ति को दान कर सकते हैं। दान करते समय मन में किसी तरह का अहंकार या दिखावा नहीं होना चाहिए। पूरी श्रद्धा और समर्पण के साथ किया गया दान ही फलदायी होता है।