कालभैरव जयंती पर करें ये उपाय (सौ.सोशल मीडिया)
Kalashtami Kaalsarp Dosh Nivaran 2025: आज 11 दिसंबर को साल की आखिरी कालाष्टमी मनाई जा रही है। भगवान शिव के उग्र रूप काल भैरव को समर्पित मासिक कालाष्टमी हर महीने कृष्ण पक्ष की अष्टमी को मनाई जाती है। इस दिन देवों के देव भगवान शिव के रक्षक रूप काल भैरव की पूजा की जाती है।
ऐसा माना जाता है कि इस दिन काल भैरव की पूजा करने से भय यानि डर दूर होता है, बाधाएं खत्म होती हैं, साथ ही हिम्मत और सुरक्षा बढ़ती है। इस बार की कालाष्टमी खास है, क्योंकि यह साल 2025 की अंतिम कालाष्टमी भी है। ज्योतिषयों के अनुसार, इस दिन कुछ खास उपाय करने से कई तरह की मुश्किलों से छुटकारा मिल सकता है।
ज्योतिषयों के अनुसार, अगर कोई व्यक्ति को भूत-प्रेत, टोने-टोटके या किसी भी तरह की नकारात्मक ऊर्जा का प्रभाव महसूस हो रहा हो, तो काल भैरव की आराधना विशेष रूप से लाभ देती है।
शास्त्रों में ये कहा गया है कि, इस दिन रात के समय “भैरव अष्टक” का पाठ करना बेहद प्रभावी होता है। इसके साथ ही सरसों के तेल का दीपक जलाने से घर और मन दोनों की नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है।
कहते है यदि किसी व्यक्ति को हमेशा डर, चिंता, तनाव या अनिद्रा की समस्या होती रहती हो, तो उसे घर की दक्षिण दिशा में भैरव यंत्र स्थापित करना चाहिए। ऐसा करने से डर, चिंता, तनाव या अनिद्रा की समस्या दूर होती है।
ज्योतिष एवं वास्तु शास्त्र के अनुसार,यदि कोई जातक धन और संपत्ति से जुड़ी समस्याओं से जूझ रहा है, तो उसे मंगलवार और शनिवार के दिन काले कुत्ते को रोटी खिलाना चाहिए। कहते है ऐसा करने से धन से जुड़ी समस्या दूर होती है।
साल 2025 की अंतिम ‘कालाष्टमी’ आज, इस शुभ मुहूर्त में करें पूजा, मिलेंगी शत्रुओं से मुक्ति
अगर किसी की कुंडली में कालसर्प दोष, पितृदोष, या शनि से संबंधित कोई कष्ट हो, तो उसे भगवान काल भैरव के मंदिर में नींबू चढ़ाने चाहिए। साथ ही “ॐ ह्रीं कालभैरवाय नमः” मंत्र का 108 बार जप करने से ग्रहों का दुष्प्रभाव कम होता है।