कजरी तीज (सौ.सोशल मीडिया)
Kajari Teej : कजरी तीज हिंदू धर्म के प्रमुख त्योहारों में से एक है। जो हर साल भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की तृतीया तिथि को मनाई जाती है। इस बार यह तीज 12 अगस्त को मनाई जा रही है।
कजरी तीज के दिन माता पार्वती और भगवान शिव की पूजा की जाती है। ऐसा माना जाता है कि माता पार्वती ने भी भगवान शिव को वर के रूप में प्राप्त करने के लिए यह व्रत रखा था।
इसलिए आज भी अविवाहित महिलाएं योग्य वर के लिए और विवाहित महिलाएं वैवाहिक जीवन की समृद्धि के लिए ये व्रत रखती हैं। इस दिन व्रत के साथ ही कुछ उपाय करने से भी शुभ फलों की प्राप्ति होती है। आज हम आपको इन्हीं उपायों के बारे में जानकारी दें।
ज्योतिष-शास्त्र के अनुसार, कजरी तीज के दिन भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा के साथ ही आपको उन्हें खीर का भोग भी लगाना चाहिए। इसके साथ महिलाएं माता पार्वती को 16 श्रृंगार भी अर्पित करें। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार,ऐसा करने से शिव-पार्वती की कृपा आपको मिलती है। साथ ही आपके वैवाहिक जीवन में भी प्रेम बढ़ता है।
कजरी तीज के दिन अगर आप दूध, दही और मिश्री का दान करते हैं तो शिव-पार्वती के साथ ही शुक्र ग्रह भी प्रसन्न होते हैं। शुक्र के प्रसन्न होने से वैवाहिक और प्रेम संबंधों में चल रही परेशानियां दूर हो जाती हैं। आपको भी इस उपाय को करने से लाभ प्राप्त हो सकता है।
इस दिन आपको माता पार्वती के मंत्रों का जप भी अवश्य करना चाहिए। इससे भी आपको प्रेम और वैवाहिक जीवन में शुभ फलों की प्राप्ति होती है। आप ‘ॐ गौरीशंकराय नम:’/ ‘ॐ उमा महेश्वराय नम:’/ ‘ॐ ऐं ह्रीं क्लीं महागौरी दैव्ये नम:’ मंत्रों का जप इस दिन कर सकते हैं।
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कजरी तीज उत्तर भारत में मनाया जाने वाला एक पावन पर्व है, जो हरियाली तीज के लगभग पंद्रह दिन बाद आता है। यह त्योहार खासतौर पर विवाहित महिलाओं द्वारा पति की लंबी उम्र, पारिवारिक सुख-समृद्धि और संतान प्राप्ति की कामना के लिए मनाया जाता है।
इस दिन महिलाएं व्रत रखती हैं, पारंपरिक कजरी गीत गाती हैं और रात को पूजा कर धार्मिक कथा सुनती हैं। कजरी तीज की सबसे खास परंपरा है निमड़ी पूजन, जिसमें नीम को देवी के रूप में पूजने की परंपरा है।