देवी दुर्गा को न अर्पित करें ये फल (सौ.सोशल मीडिया)
Mata rani ko konse phal na chadhayin : आदि शक्ति, जगत जननी मां दुर्गा को समर्पित शारदीय नवरात्रि के पावन पर्व की शुरुआत इस साल 22 सितंबर 2025 से हो रही है। यह त्योहार मां दुर्गा को समर्पित है। इस दौरान माता के नौ स्वरूपों की विधि-विधान से पूजा की जाती है। माता के भक्त नवरात्रि के दौरान व्रत रखकर, भजन-कीर्तन करके माता को प्रसन्न करते हैं। ऐसा करने से भक्तों के जीवन में सुख-समृद्धि आती है और भक्तों की सभी मनोकामनाए माता रानी की कृपा से पूरी होती है।
आपको बता दें कि,नवरात्रि में लोग माता को प्रसन्न करने के लिए भोग में फल भी अर्पित करते हैं। माता को सेब, अनार, केला, नारियल, बेल, आम, अंगूर, शरीफा, सिंघाड़ा आदि फल पसंद हैं। इन फलों को अर्पित करने से देवी की कृपा प्राप्त होती है। वहीं, देवी को कुछ फल अर्पित करने की मनाही होती है।
ऐसा माना जाता है कि माता रानी को खट्टे और तामसिक फल अर्पित नहीं करने चाहिए। ऐसा करने से देवी नाराज हो सकती है और व्यक्ति को जीवन में समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। आइए जानते हैं कि देवी को कौन से फल नहीं अर्पित करने चाहिए।
नवरात्रि के दौरान देवी माता को अंजीर कभी नहीं अर्पित करना चाहिए। अंजीर को तामसिक फल माना गया है। इस कारण इसे माता को अर्पित नहीं किया जाता है।
देवी माता को अंजीर के अलावा नींबू का उपयोग भी नहीं करना चाहिए। क्योंकि,नींबू का उपयोग मुख्य रूप से तांत्रिक पूजा में होता है। इस कारण यह दुर्गा माता की सात्विक पूजा में अर्पित नहीं किया जाता है।
देवी माता को करौंदा भी अर्पित नहीं करना चाहिए। यह अत्यधिक खट्टा फल होता है। इस कारण इसको माता को कभी भी अर्पित नहीं करना चाहिए।
इमली को भी खट्टे फलों में गिना जाता है। इस कारण इसको कभी भी देवी दुर्गा को अर्पित नहीं किया जाता है।
पानी वाला नारियल माता को चढ़ाना शुभ माना जाता है, लेकिन सूखा नारियल देवी माता को अर्पित नहीं करना चाहिए।
देवी माता को बासी और कटे हुए फल भी अर्पित नहीं करने चाहिए। देवी-देवता को हमेशा ताजे हुए फल ही चढ़ाने चाहिए।
नवरात्रि में माता के नौ रूपों की पूजा होती है साथ ही इन्हें पूजा में भोग भी लगाया जाता है। नवरात्रि का व्रत रखने वालों को सबसे पहले इस बात का ख्याल रखना चाहिए कि नवरात्रि के दौरान आपको सात्विक भोजन ही करना है।
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व्रत ना रहे तब भी सात्विक भोजन ही आपको इस दौरान करना चाहिए। घर में बनने वाले भोजन में प्याज, लहसुन आदि का इस्तेमाल आपको नहीं करना चाहिए।
इसके साथ ही मांस-मदिरा का सेवन करने से भी बचें। नवरात्रि का व्रत रखने वालों को रात्रि के समय भोजन माता को भोग लगाने के बाद ही करना चाहिए। माता के नौ रूपों को नौ अलग-अलग तरह के भोग आपको नवरात्रि के नौ दिनों में लगाने चाहिए।