पूर्व सीएम गहलोत, राजस्थान नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली व बीजेपी नेता ज्ञानदेव आहूजा (सोर्स -सोशल मीडिया)
जयपुर: राजस्थान की राजनीति एक बार फिर गरमा गई है। अलवर के एक मंदिर में गंगाजल छिड़कने की घटना पर सियासत तेज हो गई है। पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने इस मुद्दे को लेकर बीजेपी और आरएसएस से खुलकर सवाल पूछे हैं। उन्होंने कहा कि अगर नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली के मंदिर जाने से जगह ‘अपवित्र’ हो सकती है, तो बीजेपी और आरएसएस को सामने आकर स्थिति स्पष्ट करनी चाहिए। गहलोत का यह बयान ऐसे समय आया है जब बीजेपी ने विवादित टिप्पणी करने वाले अपने नेता को निलंबित कर दिया है।
गहलोत ने महात्मा ज्योतिबा फुले की जयंती पर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए शिक्षा और समाज सुधार में उनके योगदान को याद किया। उन्होंने कहा कि फुले जैसे विचारकों के विचार आज भी प्रासंगिक हैं, और ऐसे समय में जब भेदभाव की घटनाएं सामने आ रही हैं, समाज को जागरूक होने की जरूरत है। साथ ही उन्होंने केंद्र सरकार से मांग की कि वह अन्य आर्थिक भगोड़ों को भी भारत लाकर कानून के दायरे में लाए।
मंदिर विवाद पर गहलोत का बीजेपी और आरएसएस से सवाल
गहलोत ने कहा कि नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली सिर्फ दर्शन के लिए मंदिर गए थे और उसके बाद वहां गंगाजल छिड़कना अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है। उन्होंने कहा कि यह घटना सोचने पर मजबूर करती है कि ऐसा भेदभाव आखिर किस सोच से किया जा रहा है। उन्होंने बीजेपी और आरएसएस से जवाब देने की मांग की कि क्या वे इस व्यवहार को सही मानते हैं या नहीं। दरअसल मामला ऐसा है कि बीजेपी नेता ज्ञानदेवा आहूजा ने अलवर के श्रीराम मंदिर में यह कहते हुए गंगाजल छिड़का कि यहां कांग्रेस के नेता टीकाराम जूली आए थे.
बीजेपी की कार्रवाई और कांग्रेस का आक्रोश
बीजेपी नेता द्वारा मंदिर में गंगाजल छिड़कने को कांग्रेस ने दलित विरोधी करार दिया है। इस पर कार्रवाई करते हुए बीजेपी ने संबंधित नेता को कारण बताओ नोटिस देकर पार्टी से निलंबित कर दिया है। हालांकि कांग्रेस इससे संतुष्ट नहीं दिख रही और वह चाहती है कि पार्टी सार्वजनिक रूप से इस मामले पर अपना रुख साफ करे।
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तहव्वुर राणा पर भी गहलोत की प्रतिक्रिया
गहलोत ने 26/11 मुंबई हमले के आरोपी तहव्वुर राणा के प्रत्यर्पण को सकारात्मक कदम बताया है। उन्होंने कहा कि इससे उन लोगों को राहत मिलेगी जो वर्षों से न्याय का इंतजार कर रहे हैं। साथ ही केंद्र सरकार से मांग की कि वह बाकी आर्थिक अपराधियों को भी भारत लाकर न्याय के कटघरे में खड़ा करे।