मौसम की सांकेतिक तस्वीर, (सो. सोशल मीडिया)
Rajasthan Heavy Rainfall: अगले 48 घंटों में राजस्थान के कई हिस्सों में भारी बारिश और जलभराव की संभावना है, जिससे यातायात प्रभावित हो सकता है और निचले इलाकों में पानी भर सकता है। मौसम विभाग ने इसी कारण से बूंदी, अजमेर, उदयपुर और अलवर जिलों में स्कूल बंद करने का फैसला किया है।
मौसम विभाग के अनुसार, मध्य प्रदेश के ऊपर बना कम दबाव का क्षेत्र अब और मजबूत होकर ‘वेल मार्क्ड लो प्रेशर’ में बदल गया है। यह प्रणाली वर्तमान में पूर्वी राजस्थान और इसके उत्तर-पश्चिमी मध्य प्रदेश पास केंद्रित है और अगले 48 घंटों में पश्चिम-उत्तर-पश्चिम की दिशा में बढ़ते हुए 7 सितंबर की सुबह तक दक्षिणी राजस्थान में एक कम दबाव क्षेत्र के रूप में विकसित हो सकती है।
यह मौसमी सिस्टम अगले 3-4 दिनों में उदयपुर, कोटा और जोधपुर संभाग के कई इलाकों में तेज और बहुत तेज बारिश ला सकती है उदयपुर संभाग के जिले बांसवाड़ा, सिरोही, उदयपुर, डूंगरपुर, और राजसमंद में कुछ स्थानों पर अत्यधिक भारी बारिश होने की संभावना है, जिससे बाढ़ जैसी स्थिति बन सकती है। कोटा और आसपास के क्षेत्रों में भी सावधानी बरतने की चेतावनी जारी की गई है। इसके साथ ही झालावाड़, चित्तौड़गढ़ और भीलवाड़ा में भी भारी से अति भारी बारिश का अलर्ट जारी कर दिया गया है।
भरतपुर, जयपुर और बीकानेर संभाग के कुछ हिस्सों में गरज-चमक के साथ मध्यम से तेज बारिश का सिलसिला जारी रहेगा। जयपुर संभाग में शनिवार को दिनभर बादल घिरे रहेंगे और कुछ स्थानों पर बिजली गिरने के साथ बारिश हो सकती है। मौसम विभाग ने शुक्रवार को पिछले 24 घंटे का हाल बताया। पूर्वी राजस्थान के कई हिस्सों में हल्की से मध्यम वर्षा के साथ मेघगर्जना हुई, जबकि कुछ जगहों पर भारी से अति भारी बारिश दर्ज की गई। पश्चिमी राजस्थान के कुछ क्षेत्रों में भी हल्की से मध्यम बारिश हुई।
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राज्य में सबसे अधिक वर्षा बांसवाड़ा जिले के सल्लोपाट में 123 मिमी दर्ज की गई। वहीं, सबसे अधिक तापमान बाड़मेर में 37.4°C और न्यूनतम तापमान पाली में 22.8°C रिकॉर्ड किया गया।
जयपुर के दूदू क्षेत्र में लगातार मूसलाधार बारिश ने मोरडा गांव और उसके आसपास के इलाकों में हाहाकार मचा दिया है। गांव के चारों तरफ पानी भर जाने से लोगों की रोजमर्रा की जिंदगी मुश्किल में पड़ गई है और बाहर निकलना लगभग नामुमकिन हो गया है। बारिश के पानी ने अधिकतर घरों में प्रवेश कर लिया है, खासकर कच्चे मकानों के गिरने का खतरा बढ़ गया है, जिससे ग्रामीणों में भय का माहौल है। पानी इतना बढ़ गया है कि पूरा गांव जैसे किसी नदी में बदल गया है। घरों में पानी भर चुका है, खेतों की फसलें तबाह हो चुकी हैं, और ग्रामीणों की चिंता लगातार बढ़ती जा रही है।
(एजेंसी इनपुट के साथ)