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चंडीगढ़/अमृतसर: पंजाब में अमृतसर जिले के मजीठा इलाके में कथित तौर पर जहरीली शराब पीने से अब तक 23 लोगों की मौत हो गई है। इसके अलावा 4 लोगों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है। पुलिस की जांच में खुलासा हुआ कि नकली शराब बनाने के लिए इस्तेमाल ‘मेथेनॉल’ थोक में ऑनलाइन खरीदा गया था। पुलिस अधिकारी ने कहा कि सोमवार रात जहरीली शराब पीने से भंगली, पातालपुरी, मरारी कलां और थेरेवाल के गांवों में लोगों की मौत की सूचना है।
पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने कहा कि मजीठा क्षेत्र के गांवों में निर्दोष ग्रामीणों की मौत के लिए जिम्मेदार लोगों को बख्शा नहीं जाएगा। उन्होंने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा कि ये मौत नहीं, बल्कि हत्याएं हैं। पंजाब में विपक्षी दलों ने आम आदमी पार्टी के नेतृत्व वाली सरकार पर निशाना साधा और उस पर शराब माफिया को नियंत्रित करने में विफल रहने का आरोप लगाया। विपक्षी दलों ने सीएम मान और आबकारी मंत्री हरपाल सिंह चीमा के इस्तीफे की भी मांग की।
इस बीच अमृतसर जिला प्रशासन ने कई मेडिकल टीम तैनात की हैं जो प्रभावित गांवों में घर-घर जाकर उन लोगों की जांच कर रही हैं जिन्होंने संभवतः नकली शराब पी थी। अमृतसर की उपायुक्त साक्षी साहनी ने कहा कि मृतकों में अधिकतर लोग दिहाड़ी मजदूर थे। राज्य में एक साल से भी कम समय में जहरीली शराब के सेवन से हुई मौत का यह दूसरा मामला है। मार्च 2024 में संगरूर जिले में जहरीली शराब के सेवन से 20 लोगों की जान चली गई थी। 2020 में तरनतारन, अमृतसर और बटाला में जहरीली शराब पीने के कारण कुल 120 लोगों की मौत हुई थी।
पुलिस महानिदेशक गौरव यादव ने कहा कि मजीठा में पुलिस उपाधीक्षक और थाना प्रभारी को लापरवाही के आरोप में निलंबित कर दिया गया है। यादव ने ‘एक्स’ पर पोस्ट में कहा, ‘‘मजीठा में हुई दुर्भाग्यपूर्ण घटना में जहरीली शराब पीने के कारण हुई मौतों के बाद पंजाब पुलिस ने त्वरित कार्रवाई की है। नकली शराब बनाने वाले रैकेट के सरगना सहित नौ लोगों और कई स्थानीय वितरकों को अवैध शराब के कारोबार के सिलसिले में गिरफ्तार किया गया है।