आईपी गुप्ता, फोटो - सोशल मीडिया
पटना : बिहार की राजनीति इस बार एक नए मोड़ पर पहुंच चुकी है। जहां पहले मुकाबला एनडीए बनाम इंडिया गठबंधन तक सीमित था, वहीं अब मैदान में कई नई पार्टियों की एंट्री से समीकरण पूरी तरह बदलते नजर आ रहे हैं।
प्रशांत किशोर और पूर्व आईपीएस शिवदीप लांडे के बाद अब कांग्रेस के वरिष्ठ नेता रह चुके इंजीनियर आईपी गुप्ता ने ‘भारतीय इंकलाब पार्टी’ के नाम से नई पार्टी लॉन्च कर चुनावी रण में एंट्री मार दी है। उनकी पार्टी की पटना गांधी मैदान में हुई महारैली ने राजनीतिक गलियारों में खलबली मचा दी है।
बिहार की सियासत में इंजीनियर आईपी गुप्ता कोई नया नाम नहीं हैं। वे लंबे समय तक कांग्रेस पार्टी से जुड़े रहे और प्रदेश स्तर के एक प्रभावशाली नेता माने जाते थे। 7 अप्रैल 2025 को उन्होंने कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया और अपने समाज के हजारों लोगों के साथ नई राह चुन ली। उन्होंने कांग्रेस छोड़ने का ऐलान करते हुए कहा कि अब वो अपनी नई राजनीतिक पार्टी ‘भारतीय इंकलाब पार्टी’ के जरिए जनता की लड़ाई लड़ेंगे। बता दें, इनका पूरा नाम इंद्रजीत प्रसाद गुप्ता है।
आईपी गुप्ता ने बीते दिन रविवार को पटना के गांधी मैदान में एक ऐतिहासिक महारैली का आयोजन किया, जिसमें लाखों की भीड़ उमड़ पड़ी। यह रैली बिहार की राजनीति में उनकी गंभीरता और जनाधार को दर्शाती है। मंच से उन्होंने साफ कहा कि अब वो अपने समाज के हक की लड़ाई सड़क से सदन तक लड़ेंगे।
इंजीनियर आईपी गुप्ता तांती और ततवा जाति के लोगों की आवाज बनकर उभरे हैं। 2015 में बिहार सरकार ने एक संकल्प के तहत इन जातियों को अत्यंत पिछड़ा वर्ग (EBC) से हटाकर अनुसूचित जाति (SC) में शामिल कर दिया था। इसके आधार पर इन समुदायों को सरकारी नौकरियों में आरक्षण मिलने लगा, लेकिन बाद में मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा और 17 जुलाई 2024 को कोर्ट ने राज्य सरकार का फैसला रद्द कर दिया। इसके बाद तांती-ततवा समाज के लोग फिर से EBC में आ गए।
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आईपी गुप्ता लगातार इस मुद्दे पर आंदोलन कर रहे हैं और उनका कहना है कि इन जातियों को फिर से अनुसूचित जाति में शामिल किया जाना चाहिए। यही उनका सबसे बड़ा राजनीतिक एजेंडा भी है।