बीएसपी प्रमुख मायावती (सोर्स - सोशल मीडिया)
लखनऊ: बहुजन समाजवादी पार्टी की प्रमुख मायावती पिछले कुछ दिनों से सपा को लेकर हमलावर हो रही हैं। फिलहाल उन्होंने समाजवादी पार्टी पर हमला करते हुए कहा है कि सपा को उसके पिछले कर्मों और व्यवहारों के लिए माफी नहीं मिल सकती है। ये पार्टी अवसरवादी है। इनका मकसद दलितों का उत्थान करना तो दूर उनकी गरीबी, जातिवादी शोषण और उनपर हो रहे अन्याय-अत्याचार को खत्म करने का भी नहीं है। इसी कारण ये लोग मुख्यधारा से कोसों दूर रहने को मजबूर हैं।
पिछले दिनों मायावती ने लखनऊ में पार्टी कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों के साथ बैठक की थी। इस दौरान कई पदाधिकारियों को नई जिम्मेदारी भी दी गई थी। वह फिर से पार्टी को मजबूत करने और विपक्षियों को करारा जवाब देने के लिए तैयार हो रही हैं। उन्होंने सपा पर हमला करते हुए इसे दलित विरोधी बताया है।
मायावती ने सपा के हमला करते हुए कहा था कि PDA अभियान के जरिए ये लोग दलितों और मुस्लिमों का शोषण कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि सपा स्वार्थ की राजनीति कर रही है। लोगों को बहलाफुसला कर उनका शोषण कर रही है। इस प्रकार की स्वार्थ भरी राजनीति करने वालों से जनता को सतर्क रहना चाहिए। उन्होंने ट्वीट में कहा था कि सपा का विश्वासघात, उसकी शह पर किया गया जानलेवा हमला, प्रमोशन में आरक्षण बिल संसद में फाड़ना, इनके संतों, महापुरुषों के सम्मान में बनाए गए जिले और पार्क एवं शिक्षण संस्थानों ने नाम बदलना आदि जातिवादी कृत्य माफी लायक नहीं।
1. कांग्रेस, भाजपा आदि की तरह सपा भी बहुजनों में से ख़ासकर दलितों को इनका संवैधानिक हक देकर इनका वास्तविक हित, कल्याण व उत्थान करना तो दूर, इनकी गरीबी, जातिवादी शोषण व अन्याय-अत्याचार आदि खत्म करने के प्रति कोई सहानुभूति/इच्छाशक्ति नहीं, जिस कारण वे लोग मुख्यधारा से कोसों दूर।
— Mayawati (@Mayawati) April 20, 2025
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मायावती ने ट्वीट कर कहा कि बसपा लगातार प्रयास कर जातिवादी व्यवस्था को खत्म करने सर्वसमाज और भाईचारा स्थापित करने के प्रायस में काफी हद तक सफल रही है। सपा हमारे इन प्रयासों को अपनी संकीर्ण राजनीति के जरिए बिगाड़ने के प्रयास में लगी है। उन्होंने सपा के सभी दलों पर निशाना साधते हुए कहा कि कांग्रेस और बीजेपी की तरह सपा भी कथनी और करनी में अंतर रखती है। इनकी सोच दलित हितैषी कभी नहीं हो सकती है।