जीतन राम मांझी, संतोष कुमार सुमन और नीतीश कुमार
पटना : मजह कुछ महीने के अंदर बिहार विधानसभा चुनाव होना है। ऐसे में इसे लेकर चुनावी हाई वोल्टेज ड्रामा चरम पर है। बिहार की राजनीतिक पार्टियों के अंदर उथल-पुथल मची हई है। यहां नेताओं के बयानबाजी जारी है और आरोप-प्रत्यारोप भी खूब लगाए जा रहे हैं।
इन सब के बीच हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (हम) के अध्यक्ष एवं लघु जल संसाधन मंत्री संतोष कुमार सुमन ने एक ऐसी मांग कर दी है, जिससे बिहार की सियासत में भूचाल आ गया है। मंत्री संतोष कुमार सुमन ने मांग की है कि विधान परिषद में अनुसूचित जाति-जनजाति (एससी-एसटी) के लिए अलग से सीटें चिह्नित की जाएं।
बीते शनिवार को बाबा साहेब डॉ भीमराव आंबेडकर की 134वीं जयंती के अवसर पर तारामंडल परिसर में आंबेडकर संकल्प सम्मेलन के दौरान मंत्री संतोष कुमार ने कहा कि जैसे शिक्षक और स्नातक वर्ग के लिए विधान परिषद में आरक्षित सीटें हैं, वैसे ही एससी-एसटी समुदायों के लिए भी व्यवस्था होनी जरूरी है, जहां केवल उन्हीं वर्गों के लोग वोटर हों और उन्हीं में से प्रतिनिधि चुने जाने चाहिए।
मंत्र संतोष कुमार ने और आगे कहा कि इस प्रस्ताव को बिहार सरकार और विधान परिषद के समक्ष औपचारिक रूप से रखा जाएगा। इसके साथ ही जरूरत पड़ने पर केंद्र सरकार के स्तर से भी पहल की जाएगी।
वहीं दूसरी ओर, पार्टी के संरक्षक एवं केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी ने सवाल किया कि हर साल हम बाबा साहेब को याद करते हैं, लेकिन क्या उनके विचारों को अपनाते भी हैं? हमने हमेशा शिक्षा को असली हथियार माना, लेकिन आज भी हमारे समाज में 70 प्रतिशत लोग अशिक्षित हैं।
जीतन राम मांझी ने आगे कहा कि जब तक शिक्षा नहीं आएगी, तब तक कोई अधिकार स्थाई नहीं होगा। उन्होंने समान शिक्षा नीति लागू करने की मांग दोहराते हुए कहा कि सिर्फ जमीन नहीं, समझ और शिक्षा ही असली ताकत है।
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आपको जानकारी के लिए बताते चलें कि कार्यक्रम में दलित सेवा दल नामक एक संगठन की भी घोषणा की गई, जो गांव-गांव जाकर संविधान, सामाजिक अधिकार और शिक्षा पर जागरूकता फैलाने का काम करेगा। इसकी अध्यक्षता शंकर मांझी करेंगे जिसके लिए 15 सदस्यीय समिति बनाई जानी है। मौके पर प्रदेश अध्यक्ष अनिल शर्मा, विधायक प्रफुल्ल मांझी, राजेश पांडेय, श्याम सुंदर शरण आदि की उपस्थिति रही।