भारत में आज भी कई लोग दो जून की रोटी का इंतजाम नहीं कर पाते हैं, यह वास्तविकता है। ऐसे गरीब जरूरतमंद लोगों को भारत सरकार की ओर से मुफ्त राशन और कम कीमत पर राशन की सुविधा दी जाती है। देशभर में लगभग 20 करोड़ से ज्यादा राशन कार्ड धारक मौजूद हैं। इनके जरिए 80 करोड़ से भी ज्यादा लोगों को मुफ्त राशन दिया जाता है। हर राज्य में जरूरतमंदों को इस सुविधा का लाभ मिलता है। लेकिन अब इसमें नियम में बदलाव किया गया है। (सभी फोटो सोर्स: सोशल मीडिया)
सरकार ने राशन कार्ड से जुड़े नियमों को और पारदर्शी और प्रभावी बनाने का कारण सामने करते हुए ई-केवाईसी को अनिवार्य कर दिया है। जिन लोगों ने अब तक ई-केवाईसी नहीं करवाई है, उनका राशन कार्ड 1 जनवरी 2025 से रद्द हो सकता है। ऐसे में उन व्यक्तियों को न तो मुफ्त राशन मिलेगा और न ही कम कीमत पर राशन का लाभ मिल पाएगा।
सरकार ने इस बदलाव के पीछे दो मुख्य कारण बताए हैं। पहला, खाद्य सुरक्षा को मजबूत करना और दूसरा, राशन वितरण प्रणाली में पारदर्शिता लाना। नए नियमों के तहत, राशन वितरण में किसी भी प्रकार की गड़बड़ी को रोकने के लिए डिजिटलीकरण और ई-केवाईसी को जरूरी किया गया है। यह कदम सुनिश्चित करेगा कि गरीब और जरूरतमंद लोग बिना किसी बाधा के राशन प्राप्त कर सकें। जिससे कई लोग इससे बाहर हो जाएंगे। लाखों लोगों के कार्ड रद्द होंगे। जिसके लिए लोगों में चिंता भी है।
भारत सरकार नेशनल फूड सिक्योरिटी एक्ट के तहत लोगों को कम कीमत पर सरकारी राशन दिया जाता है। इसके लिए सरकार लोगों को राशन कार्ड जारी करती है। इसे दिखाकर ही राशन डिपो पर मुफ्त और कम कीमत पर राशन मिलता है। नए साल से राशन कार्ड धारकों के लिए नियमों में बदलाव कर दिया जाएगा। राशन कार्ड धारकों को राशन लेने के लिए राशन कार्ड की जरूरत नहीं पड़ेगी। इसके लिए 'Mera Ration 2.0' ऐप का इस्तेमाल किया जा सकेगा।
अब आपको राशन डिपो जाकर राशन कार्ड दिखाने की जरूरत नहीं होगी। आप मेरा राशन 2.0 ऐप के जरिए ही राशन कार्ड प्राप्त कर सकेंगे। इस ऐप को आप गूगल प्ले स्टोर और एप्पल ऐप स्टोर पर जाकर डाउनलोड कर सकते हैं। मेरा राशन 2.0 ऐप फोन में इंस्टॉल करने के बाद आपको ओपन करनी है। इसके बाद आपको अपना आधार नंबर और फोन नंबर दर्ज करना होगा। इसके बाद आपके फोन नंबर पर ओटीपी आएगी। वेरिफाई करने के बाद मेरा राशन 2.0 में आप राशन कार्ड देख सकेंगे।
सरकार की इस पहल का फायदा उन लोगों को होगा जो अपने शहर से दूर रह रहे होते हैं। वे राशन कार्ड न होने की वजह से राशन नहीं ले पा रहे थे। अब वे फोन में ही राशन कार्ड दिखाकर राशन की सुविधा का लाभ ले सकेंगे। लेकिन कई राशन कार्ड धारक अशिक्षित हैं, जिनको यह प्रक्रिया जटिल लगेगी। उनके लिए क्या उपाय किए गए हैं, यह सरकार ने तय नहीं किया है।
नई राशन वितरण प्रणाली के तहत केशरी कार्ड धारकों के लिए चावल और गेहूं की मात्रा को दोबारा निर्धारित किया गया है। पहले जहां एक व्यक्ति को 3 किलो चावल और 2 किलो गेहूं मिलता था, अब इसे बदलकर 2.5 किलो चावल और 2 किलो गेहूं कर दिया गया है। इस बदलाव से चावल की मात्रा में आधे किलो की कटौती की गई है। जिससे लोगों की नाराजगी जरूर होगी।
अंत्योदय राशन कार्ड धारकों के लिए भी राशन की मात्रा में बदलाव किया गया है। पहले उन्हें 21 किलो चावल और 14 किलो गेहूं मिलता था, लेकिन अब 18 किलो चावल और 17 किलो गेहूं दिया जाएगा। यह बदलाव सरकार ने पोषण और खाद्य सुरक्षा को संतुलित करने के उद्देश्य से किया है। सरकार का मानना है कि चावल की खपत को नियंत्रित कर गेहूं की उपलब्धता बढ़ाई जा सकती है, जिससे जरूरतमंद लोगों को बेहतर पोषण और भोजन का संतुलन मिल सके।
तो वहीं राशन कार्ड धारकों के लिए एक अच्छी खबर भी है। जनवरी 2025 से भारत सरकार की ओर से राशन कार्ड धारकों को राशन के साथ-साथ 1000 रुपये भी दिए जाएंगे। सरकार 5 किलो मुफ्त राशन देगी। तो इसके साथ ही लाभार्थी परिवार के बैंक खाते में एक हजार रुपये भी जमा किए जाएंगे। सरकार की इस पहल से गरीब परिवारों को अपने रोजमर्रा की जरूरतें पूरी करने में सहायता मिलेगी। हालांकि इसके लिए सरकार ने कुछ पात्रता तय की हैं। सभी को यह लाभ नहीं मिलेगा।
नए नियमों के तहत, सरकार ने इस बात पर भी जोर दिया है कि राशन वितरण प्रणाली को अत्यधिक सरल और प्रभावी बनाया जाए। अब राशन वितरण की पूरी प्रक्रिया ऑनलाइन ट्रैक की जा सकेगी, जिससे वितरण में पारदर्शिता बढ़ेगी। डिजिटल कार्ड के माध्यम से लाभार्थियों की पहचान को प्रमाणित किया जाएगा, जिससे गलत लाभार्थियों को बाहर किया जा सके। मात्र इससे कई लोगों का नुकसान हो सकता है।