कहते हैं दिवाली के कार्तिक मास की अमावस्या तिथि मां लक्ष्मी धरती पर पधारती है और घरों में विचरण करती है भक्तों की आस्था के आधार पर फल देती है। दिवाली के दिए जलाने का महत्व होता है लेकिन क्या आपको पता है कहां और कितने दीए जलाने चाहिए।
दिवाली पर दीया जलाने के नियम (सौ.डिजाइन फोटो)
Diwali Diya Niyam:हिंदू धर्म में दिवाली का महत्व होता है जो त्योहार रोशनी का एक खास पर्व है। इसकी शुरुआत धनतेरस से होती है जो अंतिम दिन भाईदूज पर खत्म होती है। कहते हैं दिवाली के कार्तिक मास की अमावस्या तिथि मां लक्ष्मी धरती पर पधारती है और घरों में विचरण करती है भक्तों की आस्था के आधार पर फल देती है। दिवाली के दिए जलाने का महत्व होता है लेकिन क्या आपको पता है कहां और कितने दीए जलाने चाहिए। इसकी जानकारी उन्नाव के ज्योतिषाचार्य पं. ऋषिकांत मिश्र शास्त्री दे रहे है।
दिवाली के दिन दीए जलाने के समय हमेशा विषम संख्या का ख्याल रखा जाता है। यानि आज दिवाली के मौके पर 5, 7, 9, 11, 51 और 101 दिए जलाते है सरसों के तेल का उपयोग करना जरूरी होता है।
दिवाली के दिन सबसे पहला दिया घर के मंदिर या पूजा स्थल में जलाने के लिए रखना चाहिए इससे माता लक्ष्मी और भगवान श्रीगणेश को आशीर्वाद मिलता है।
दिवाली पर दूसरा दीया आप घर के आंगन में मौजूद तुलसी के पौधे के नीचे जलाना जरूरी होता है कहते हैं ऐसा करने से मां लक्ष्मी की कृपा आपको मिलती है।
दिवाली के दिन आप एक दिया जहां आप पैसे या गहने रखते हैं, उस स्थान पर जलाना भी जरूरी होता है।
दिवाली के दिन घर की सभी खिड़कियों, बालकनी और दरवाजों पर दीपक जलाने से पूरे घर में रोशनी फैलती है और नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है।
दिवाली के दिन रसोई में दीपक जलाना मां अन्नपूर्णा का आशीर्वाद पाने का प्रतीक माना जाता है, जो घर में अन्न और समृद्धि लाती हैं।
घर के मुख्य द्वार पर दीपक जलाने से सकारात्मक ऊर्जा और समृद्धि घर में प्रवेश करती है इसे लक्ष्मी जी के स्वागत का प्रतीक माना जाता है।
दिवाली पर एक दिया आप जहां से पूरे परिवार के लिए पानी आता है यानि नल के पास भी रख दें तो अच्छा रहेगा।