सुदूर और वंचित आदिवासी क्षेत्रों में स्वास्थ्य संबंधी मुद्दों पर चर्चा एवं समाधान के लिए आयोजित अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन ₹FIST 2025₹ का उद्घाटन आज गोवा के मुख्यमंत्री डॉ. प्रमोद सावंत ने किया। यह सम्मेलन 31 जनवरी से 2 फरवरी 2025 तक नागपुर में आयोजित किया जाएगा।
जिसमें महाराष्ट्र स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय और अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) नागपुर का महत्वपूर्ण योगदान रहेगा। मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत ने अपने उद्घाटन भाषण में विश्वास व्यक्त किया।
इस सम्मेलन के माध्यम से आदिवासी समुदाय के स्वास्थ्य और जीवन स्तर में सुधार के लिए एक नई दिशा मिलेगी। उन्होंने कहा, यह सम्मेलन आदिवासियों के स्वास्थ्य संबंधी मुद्दों पर व्यापक विचार-मंथन का एक मंच साबित होगा।
आदिवासियों को कुपोषण, संक्रामक रोग, और सिकल सेल जैसी बीमारियों का सामना करना पड़ता है। इस सम्मेलन में विभिन्न विषयों के विशेषज्ञ तीन दिनों तक मार्गदर्शन देंगे और विचार-विमर्श करेंगे।
पेसा कानून के तहत आदिवासी विकास पर जोर:इस अवसर पर आदिवासी विकास मंत्री अशोक उड़के ने भी अपने विचार साझा किए। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़णवीस आदिवासी समुदाय के सर्वांगीण विकास पर विशेष ध्यान दे रहे हैं।
उन्होंने आगे कहा कि इसके सकारात्मक परिणाम भविष्य में निश्चित रूप से देखने को मिलेंगे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में पिछले दस वर्षों में विभिन्न योजनाओं के माध्यम से आदिवासी समुदाय के लोगों को सशक्त बनाने की कोशिश की गई है। मुख्यमंत्री ने उम्मीद जताई कि आने वाले समय में ये योजनाएं और गतिविधियां और अधिक सुदृढ़ होंगी।
उन्होंने कहा कि विभिन्न योजनाएं और गतिविधियां इस उद्देश्य की पूर्ति के लिए चलाई जा रही हैं। आदिवासी विकास मंत्री अशोक उड़के ने बताया कि पेसा कानून के तहत राज्य के 13 जिलों और 59 तालुकों में स्थित आदिवासी जनसंख्या पर ध्यान दिया जाएगा।
सीपी राधाकृष्णन का वीडियो संदेश: मंत्री ने विश्वास दिलाया कि सम्मेलन के दौरान उठाए गए मुद्दों के समाधान के लिए मंत्रालय बैठकें आयोजित करेगा और आवश्यक कार्रवाई करेगा। इस मौके पर राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन ने बधाई दी और इस अनूठी पहल की सराहना की। इस संदेश में उन्होंने कहा कि इस सम्मेलन से आदिवासियों के मुद्दों और समस्याओं को सुलझाने में मदद मिलेगी।