आज पूरे भारत देश में भगवान श्रीकृष्ण का जन्मोत्सव यानि जन्माष्टमी बड़े ही धूमधाम के साथ मनाई जा रहीं है वहीं पर इस दिन घरों औऱ मंदिरों में विधि-विधान के साथ पूजा का महत्व होता है इसकी विधि क्या हैं चलिए जानते है।
जन्माष्टमी की शुभकामनाएं 2024 (सौ.डिजाइन फोटो)
कान्हा, नंदलाला, जाने कितने नामों मशहूर भगवान श्रीकृष्ण का जन्मदिन आज देशभर में धूमधाम से मनाया जा रहा हैं। यह खास दिन भगवान श्रीकृष्ण की विधि-विधान से की गई पूजा से होता हैं जिससे कान्हाजी की कृपा बनी रहती है। इस शुभ दिन पर अगर आप अपने करीबियों, दोस्तों को शुभकामना संदेश भेजना चाहते हैं खुशियां बांटना चाहते हैं तो इस प्रकार इन संदेशों को भेज सकते है।
हिंदू धर्म में जन्माष्टमी का त्योहार खास पर्व में से एक होता हैं जो हर साल भाद्रपद महीने के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को मनाया जाता है।
मान्यता है कि द्वापर युग में इसी तिथि पर रात्रि 12 बजे रोहिणी नक्षत्र में भगवान श्रीकृष्ण का जन्म मधुरा नगरी कंस के कारागृह में हुआ था,कृष्ण देवकी की आठवीं संतान थे. इसलिए हर साल कृष्ण जन्मोत्सव को जन्माष्टमी के रूप में मनाते है।
भाद्रपद कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि की शुरुआत सोमवार, 26 अगस्त तड़के 03 बजकर 39 मिनट से शुरू होगी, जिसका समापन 27 अगस्त रात 02 बजकर 19 मिनट पर होगा. ऐसे में उदयातिथि के अनुसार, 26 अगस्त को जन्माष्टमी मनाई जाएगी और इसी दिन व्रत-पूजन किया जाएगा।
जन्माष्टमी के मौके पर मंदिर और घरों में भजन-कीर्तन, व्रत-पूजन किए जाते हैं और झांकियां सजाई जाती है। श्रीकृष्ण के बाल स्वरूप (Laddu Gopal) का श्रृंगार होता है और कई जगहों पर दही-हांडी का भी आयोजन किया जाता है।
मान्यता के अनुसार, जन्माष्टमी दो दिन मनाई जाती है जिसमें स्मार्त और वैष्णव संप्रदाय में अलग-अलग तिथि होने के कारण दो दिन त्योहार मनता है।
द्वापर युग में जैसा योग श्रीकृष्ण के जन्म के समय बना था, वैसा ही योग इस साल जन्माष्टमी पर भी बन रहा है, ज्योतिष में इसे जयंती योग कहा गया है।