Supreme Court Justice Br Gavai Speak On Manipur Violence
मणिपुर में मुश्किल दौर जल्द खत्म होगा, सामान्य होंगे हालात : जस्टिस गवई
सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश बीआर गवई ने मणिपुर का दौरा किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि राज्य में हालात जल्द ठीक होंगे और यह बाकी राज्यों की तरह समृद्ध बनेगा।
इंफाल। मणिपुर में जातीय हिंसा को लेकर आए दिन हिंसा हो रही है। ऐसे में सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश न्यायमूर्ति बीआर गवई ने शनिवार को मणिपुर का दौरा किया और हालात का जायजा लिया। उन्होंने उम्मीद जताई कि जातीय संघर्ष से ग्रस्त राज्य में कठिनाई का यह दौर कार्यपालिका, विधायिका और न्यायपालिका के सम्मिलित प्रयास से जल्द ही खत्म हो जाएगा। देश के बाकी हिस्सों की तरह मणिपुर की तरह समृद्ध होगा।
सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीशों के एक प्रतिनिधिमंडल की अगुवाई करने वाले न्यायमूर्ति गवई ने अपने दौर में जातीय संघर्ष से प्रभावित राज्य के लोगों से शांति एवं सद्भाव बहाल करने के लिए एकजुट होकर काम करने के लिए कहा। अधिकारियों ने बताया कि न्यायमूर्ति गवई के साथ एससी के न्यायाधीश विक्रम नाथ, न्यायमूर्ति एमएम सुंदरेश और न्यायमूर्ति केवी विश्वनाथन भी उनके साथ मौजूद रहे।
गवई ने अन्य जजों संग राहत शिविर का दौरा किया
अफसरों ने बताया कि न्यायधीश गवई ने अन्य जजों के साथ चुराचांदपुर जिले में राहत शिविर का दौरा किया और विस्थापित लोगों से मुलाकात की। प्रतिनिधिमंडल ने लमका स्थित मिनी सचिवालय से एक कानूनी सेवा शिविर और एक चिकित्सा शिविर का भी ऑनलाइन उद्घाटन किया। मणिपुर हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश डी. कृष्णकुमार और न्यायमूर्ति गोलमेई गैफुलशिलू भी इस दौरान मौजूद थे।
गवई ने कहा- संविधान पर भरोसा रखें
न्यायमूर्ति गवई ने कहा कि हमारा देश विविधता में एकता का उदाहरण है। भारत हम सबका घर है। हम जानते हैं कि आप सब एक कठिन दौर से गुजर रहे हैं, लेकिन कार्यपालिका, विधायिका और न्यायपालिका सभी के सहयोग से यह दौर जल्द ही समाप्त हो जाएगा। हमारा संविधान एक महत्वपूर्ण दस्तावेज है। जब हम अपने देश की तुलना पड़ोसी देशों से करेंगे, तो महसूस होगा कि संविधान ने ही हमें मजबूत और एकजुट रखा है। इसलिए संविधान पर भरोसा रखें, एक दिन मणिपुर में पूरी तरह शांति लौटेगी। राज्य देश की तरह समृद्ध होगा।
विस्थापितों लोगों के लिए राहत राशि मंजूर
न्यायमूर्ति गवई ने कहा कि राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण (एनएएलएसए) ने विस्थापित व्यक्तियों को राहत सामग्री उपलब्ध कराने के लिए 2.5 करोड़ रुपये मंजूर किए हैं। इससे पहले भी 1.5 करोड़ रुपये की राशि मंजूर की गई थी। न्यायमूर्ति गवई ने संघर्ष के कारण स्कूल छोड़ने वाले छात्रों को फिर से दाखिला देने की आवश्यकता पर भी जोर दिया। उन्होंने शैक्षणिक संस्थानों और जनता से आह्वान किया कि वे यह सुनिश्चित करें कि सभी छात्रों की शिक्षा पूरी हो सके।
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