नई दिल्ली: मणिपुर में भाजपा की सरकार है और एन. बीरेन सिंह मुख्यमंत्री है। लेकिन पिछले कई महीनों से मणिपुर अस्थिर है और यहां दो धड़ो के बीच टकराव होता रहता है। पिछले कुछ दिनों में मणिपुर से हिंसा की कई ख़बरें भी सामने आई थी, जिसके बाद मणिपुर के ज्यादातर बीजेपी विधायकों ने पीएम नरेंद्र मोदी सहित बीजेपी के शीश नेतृत्व को चिट्ठी लिखकर प्रदेश सरकार के नेतृत्व परिवर्तन की वकालत की थी।
मणिपुर विधानभा में बीजेपी के 32 विधायक है, जिनमे से 19 विधायकों ने सीएम सिंह को हटाने के लिए पत्र लिखा था। उनका कहना है कि जबतक एन. बीरेन सिंह मुख्यमंत्री है तबतक मणिपुर में शांति कायम नहीं हो सकती। बस इसके बाद पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व ने सीएम सिंह तथा मणिपुर बीजेपी की अध्यक्ष शारदा देवी को दिल्ली बुला लिया है।
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चिट्ठी के बाद हलचल शुरू
बताया जा रहा है कि मौजूदा मुख्यमंत्री एन.बीरेन सिंह को लेकर मैतेई विधायक दो धड़ो में बंट गए हैं। हाल ही में 19 भाजपा विधायकों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चिट्ठी लिखी थी। उसी के बाद इंफाल से लेकर दिल्ली तक कार्यवाही शुरू हो चुकी है।
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दो-तीन दिन में फैसला
पुरे राज्य में भाजपा के 32 विधायक हैं, इन्हीं में से 19 केंद्रीय नेतृत्व को स्पष्ट कर चुके हैं कि बीरेन को हटाए बिना शांति नहीं आ सकती। पार्टी नेतृत्व ने इसे गंभीरता से लिया है और बीरेन और प्रदेश भाजपा अध्यक्ष शारदा देवी को बुलाया है। दोनों अभी दिल्ली में हैं। अगले दो-तीन दिन में फैसला हो सकता है।
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अब देखना यह होगा की अगले दो तीन दिन में बीजेपी का केंद्रीय नेतृत्व मणिपुर सरकार के नेतृत्व को लेकर क्या फैसला लेता है तथा सीएम एन. बीरेन सिंह की जगह भाजपा किसका नाम आगे बढ़ा सकती है। जिस तरह से विधायकों में खेमेबाज़ी हुई है, उससे कही ना कही पार्टी संगठन चिंतित है।