मुंबई: मिथुन चक्रवर्ती ने 70वें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार समारोह में बताया कि वह खुद को अल पचिनो समझने लगे थे और उन्हें पहला राष्ट्रीय पुरस्कार पाने के बाद घमंड आ गया था लेकिन जब उन्हें काम मिलना बंद हुआ, जब लोग उन्हें घमंडी समझने लगे, तब उन्हें पता चला कि वह गलत रास्ते पर जा रहे हैं। तब उन्होंने खुद में सुधार किया, इसी दौरान मिथुन चक्रवर्ती ने यह भी बताया कि करियर की शुरुआती दौर में उन्हें कई मुश्किलों का सामना भी करना पड़ा था।
मिथुन चक्रवर्ती ने अवार्ड समारोह के दौरान यह बताया कि घमंडी होने की वजह से उन्हें लोगों की आलोचना भी सहनी पड़ी। उसके बाद मिथुन चक्रवर्ती को यह लगने लगा कि उन्हें उनकी काबिलियत से कम आंका जा रहा है जिसके लिए वह भगवान से शिकायत करने लगे। लेकिन दादा साहेब फाल्के अवार्ड पानी के बाद मिथुन चक्रवर्ती ने अपने जज्बात बयान करते हुए बताया कि अब उन्हें किसी से कोई शिकायत नहीं है। अब उन्हें ऐसा लगता है कि जो कुछ भी उन्होंने किया है उसका बदला उन्हें सूद समेत वापस मिला है।
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इससे पहले एक इंटरव्यू के दौरान मिथुन चक्रवर्ती ने यह बताया था कि उनके कलर की वजह से करियर की शुरुआत में उन्हें काफी परेशानी का सामना करना पड़ा। उनके कलर की वजह से उन्हें काम नहीं मिलता था, लेकिन उन्होंने अपनी एक शैली बनाई जिस शैली की वजह से लोग सिर्फ उनके डांस और उनके पैरों को देखते रहे उनके चेहरे और कलर पर देखना लोगों ने बंद कर दिया। धीरे-धीरे मिथुन चक्रवर्ती की बॉलीवुड में एक अलग पहचान बन गई।
मिथुन चक्रवर्ती ने अमिताभ बच्चन, विनोद खन्ना, शत्रुघ्न सिन्हा और ऋषि कपूर जैसे दिग्गज कलाकारों के बीच अपनी एक अलग पहचान बनाई थी। मिथुन चक्रवर्ती ने समारोह के दौरान यह भी कहा कि बेशक आपको नींद आए तो आपको सो जाना चाहिए, लेकिन आपको कभी भी अपने सपने को सोने नहीं देना चाहिए क्योंकि यही आपको बुलंदी तक पहुंचाता है।