यवतमाल में शिवसेना यूबीटी का आंदोलन (सौजन्य-नवभारत)
Yavatmal News: यवतमाल जिले में शिवसेना यूबीटी की ओर से किसानों की समस्याओं को लेकर आंदोलन किया गया। यह आंदोलन 23 सितंबर की दोपहर 1 बजे तहसील कार्यालय परिसर में डफली बजाओ नाम से आंदोलन किया गया। इस दौरान यवतमाल जिले को गीला अकाल घोषित करने,किसानों को सीधे तौर पर अनुदान घोषित करने व किसानों की संपूर्ण कर्जमाफी करने की मांग उठायी और तहसीलदार डा. योगेश देशमुख को निवेदन दिया गया।
डफली बजाओ आंदोलन शिवसेना जिलाप्रमुख किशोर इंगले, संतोष ढवले के नेतृत्व में किया गया। डफली बजाओ आंदोलन में उबाठा के उपजिला प्रमुख प्रवीण पांडे, राजू धोटे, महिला आघाडी जिला प्रमुख कल्पना दरवई, गजानन पाटिल, अंजली गिरी, चंद्रकांत उडाखे, विनोद पवार, चेतन शिरसाट आदि शिवसैनिक शामिल हुए।
उमरखेड में पिछले महीने से हो रही अत्यधिक भारी बारिश के कारण जनजीवन अस्त-व्यस्त होने के कारण तहसील में गीला सूखा घोषित करने की मांग कर रहे किसानों के विभिन्न मुद्दों के समर्थन में आज 23 सितंबर को दोपहर 1 बजे से 3 बजे तक शिवसेना उबाठा पार्टी के कार्यकर्ताओं ने उमरखेड तहसील कार्यालय के सामने डफली बजाकर प्रदर्शन किया। पिछले डेढ़ महीने से उमरखेड तहसील में लगातार हो रही भारी बारिश के कारण किसानों की खरीफ फसलें और बाग-बगीचे बर्बाद हो गए हैं।
इसलिए पार्टी ने मांग की है कि तहसील को गीला सूखा घोषित किया जाए, प्रभावित किसानों को प्रति हेक्टेयर 50,000 रुपये की अनुग्रह सहायता दी जाए। किसानों की जमीन अधिग्रहित कर प्रस्तावित सहस्रकुंड जलविद्युत परियोजना रद्द की जाए, उमरखेड क्षेत्र से गन्ना ले जाने वाली चीनी मिलों द्वारा मराठवाड़ा की मिलों के समान भाव में गन्ने की कीमत दी जाए।
इस प्रदर्शन में शिवसेना (उबाठा) के संपर्क प्रमुख बलिराम मटकुले, विधानसभा समन्वयक राजेश खामनेकर, तहसील प्रमुख सतीश नाइक, उपजिला प्रमुख अजय नरवाड़े, शहर संघटक गजेन्द्र ठाकरे, पूर्व नगर पंचायत अध्यक्ष संदीप ठाकरे, शहर प्रमुख अमोल नरवाड़े, तहसील संपर्क प्रमुख निलेश जैन, युवा सेना जिला उपप्रमुख नितिन शिंदे और सहकर्मी सहित सैकड़ों शिवसैनिक शामिल हुए।
मारेगांव तहसील में हुई अत्यधिक बारिश के कारण किसानों को भारी नुकसान हुआ है और वे गंभीर आर्थिक संकट में फंस गए हैं। इसी पृष्ठभूमि में शिवसेना उबाठा की ओर से तहसीलदार को विभिन्न मांगों का निवेदन दिया गया। शिवसेना की किरण देरकर और दीपक कोकास के नेतृत्व में यह निवेदन देकर शासन का ध्यान किसानों की समस्याओं की ओर आकर्षित किया गया।
उन्होंने बताया कि जिले में कपास, सोयाबीन, तूर सहित अन्य सभी फसलों को भारी नुकसान हुआ है। इसलिए सरकार को तत्काल गीला सूखा घोषित कर किसानों को समुचित अनुदान देना चाहिए। इसके अलावा, किसानों की कर्ज में डूबने की स्थिति गंभीर है और वे आत्महत्या के कगार पर पहुंच गए हैं। इसलिए पूरे कर्ज को माफ कर किसानों को राहत प्रदान करने की मांग भी इस निवेदन में की गई। यवतमाल जिला किसानों की आत्महत्या के मामले में कुख्यात है।
हर साल प्राकृतिक आपदाओं और कर्ज में डूबने के कारण सैकड़ों किसान अपना जीवन समाप्त कर देते हैं। ऐसी परिस्थितियों में शासन को तुरंत कदम उठाकर किसानों की मदद करनी चाहिए, ऐसा निवेदन में कहा गया। इस अवसर पर शिवसेना के किरण देरकर, दीपक कोकास, इंदुताई किन्हेकार, डीमन टोंगे, जीजा वरारकर, मधु वरटकर, बदरुद्दीन काजी, देवा बोबड़े, तुलशीराम मस्की, अभय चौधरी, करण किंगरे सहित अन्य पदाधिकारी और कार्यकर्ता उपस्थित थे।
महागांव में महायुति सरकार ने सत्ता में आने से पहले जो वचन दिया था, वह अब तक पूरा नहीं किया गया है। किसानों को सर्वसाधारण रूप से “सातबारा कोरा” करने का आश्वासन दिया गया था। लेकिन उन्हें अभी तक किसी भी ठोस मदद की सुविधा नहीं मिली है। आघाड़ी सरकार ने किसानों का विश्वासघात किया है। कृषि माल को भाव नहीं मिल रहे हैं, बीज, खाद और कीटनाशकों के दाम आसमान छू रहे हैं। इस बीच, प्राकृतिक आपदा ने किसानों पर संकट ला दिया है, जिससे महागांव तहसील के किसान अत्यंत चिंतित हैं।
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इसलिए किसानों के लिए सर्वसाधारण कर्जमाफी की जाए और गीला सूखा अकाल घोषित किया जाए इस मांग को लेकर 23 सितंबर को शिवसेना (उबाठा) गुट की ओर से महागांव तहसील प्रशासन के माध्यम से शासन को निवेदन दिया गया। इस अवसर पर शिवसेना के उपजिला प्रमुख प्रमोद भरवाडे के नेतृत्व में निवेदन दिया गया। इस आंदोलन में भीमराव भालेराव, विशाल पांडे, रवींद्र भारती, विलास फालके, शंकर टेटेर, प्रवीण भांगे, मंजुषा वानखेडे, किरण जामकर सहित सैकड़ों कार्यकर्ता शामिल हुए।