आनंद का राशन (सौ. सोशल मीडिया )
Yavatmal News In Hindi: दीवाली का त्योहार अब कुछ ही दिनों दूर है। हर घर में फराल और मिठाइयों की तैयारियां जोरों पर हैं, लेकिन गरीब परिवारों के घर अब तक ‘आनंद का राशन’ नहीं पहुंचा है। ऐसे में स्थिति यह हो गई है कि “दिवाली का त्योहार बड़ा, पर आनंद में कमी आ गई है।
पूर्व मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के कार्यकाल में महायुति सरकार ने गरीबों के लिए ‘आनंद का शिधा’ (राशन योजना) शुरू की थी। इस योजना के तहत राशन कार्ड धारकों को सिर्फ 100 रुपये में एक किलो शक्कर, एक किलो चने की दाल, एक लीटर खाद्य तेल और एक किलो सूजी दी जाती थी। यह योजना 2022 से लगातार दो वर्षों तक त्योहारों के मौके पर लागू रही।
मगर इस वर्ष दशहरे पर भी आनंद का राशन नहीं मिला। अब लोगों को उम्मीद थी कि दिवाली तक यह राशन जरूर मिलेगा, लेकिन अभी तक इसकी कोई तैयारी दिखाई नहीं दे रही है। जिले में 6 लाख 44 हजार से अधिक राशन कार्डधारी हैं, जिनमें से लगभग 80 प्रतिशत लाभार्थी अब भी प्रतीक्षा में हैं। प्रशासन की ओर से इस संबंध में कोई स्पष्टता नहीं दी गई है। राज्य सरकार की तरफ से भी अब तक ‘आनंद का राशन’ देने या न देने पर कोई आधिकारिक घोषणा नहीं हुई है। इससे प्रशासन, राशन दुकानदार और लाभार्थी तीनों ही असमंजस में हैं। दुकानदारों का कहना है कि अगर सरकार ने ऐन वक्त पर आदेश जारी किए, तो वितरण की भारी अफरातफरी मच सकती है।
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यवतमाल के सहायक जिला आपूर्ति अधिकारी संघपाल मेश्राम ने कहा है कि राज्य सरकार की ओर से अब तक आनंद का राशन देने को लेकर कोई निर्देश प्राप्त नहीं हुए हैं। ऐसे में दिवाली तक वितरण होने की संभावना कम लग रही है, क्योंकि आदेश जारी होने के बाद राशन पहुंचने और वितरण शुरू होने में समय लगता है।