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यवतमाल प्रशासन को पता नहीं मवेशियों की संख्या, 7 महीने बाद भी पशुधन गणना के आंकड़े नहीं किए घोषित

Yavatmal News: यवतमाल जिले की अधिकांश अर्थव्यवस्था कृषि पर निर्भर करती है और अधिकांश कृषि गतिविधियाँ पशुओं पर निर्भर करती हैं। लेकिन जिले में पशुओं की सही संख्या का मिलान नहीं हो पाया है।

  • By प्रिया जैस
Updated On: Oct 06, 2025 | 01:04 PM

यवतमाल न्यूज

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Yavatmal News: यवतमाल जिले में 20वीं पशुधन गणना दो साल देरी से की गई। 21वीं पशुधन गणना को सात महीने बीत चुके हैं, लेकिन इसमें पशुओं के नवीनतम आंकड़े घोषित नहीं किए गए हैं। केंद्र सरकार के नियमों के अनुसार, पशुधन गणना हर 5 साल में की जाती है। तदनुसार, 20वीं पशुधन गणना 2017 में होने की उम्मीद थी, लेकिन यह 2019 में की गई। इसमें जिले में 10 लाख 59 हज़ार 17 पशुओं का पंजीकरण किया गया।

इसमें गाय, बैल, भैंस, भेड़, बकरी, सूअर आदि शामिल थे। मुर्गियों और बत्तखों की संख्या भी 8 लाख 86 हज़ार 784 तक थी। हालांकि, इस गणना को पांच साल से ज़्यादा समय बीत चुका है। इसलिए, सरकार ने 2024 में 21वीं पशुगणना कराने की घोषणा की थी। जिले में नवंबर 2024 से गणना शुरू हो गई थी। इस बार पशुगणना के लिए पहली बार मोबाइल ऐप का इस्तेमाल किया गया।

सरकारी वेबसाइट पर डेटा अपडेट नहीं

राज्य भर में 9,000 प्रगणक और पर्यवेक्षक नियुक्त किए गए थे। इनके माध्यम से 16 प्रकार के पोल्ट्री पक्षियों के आंकड़े एकत्र किए गए हैं। पशुगणना फरवरी 2025 में पूरी हुई थी। उसके बाद, यहाँ के पशुपालन विभाग ने पशुगणना का पूरा आंकड़ा उच्च कार्यालय को भी भेज दिया है। हालाँकि, सात महीने बाद भी, सरकार ने 21वीं पशुगणना के आधिकारिक आंकड़े जारी नहीं किए हैं। इसके पीछे का सही कारण अभी तक सामने नहीं आया है। यह डेटा सरकारी वेबसाइट पर भी अपडेट नहीं किया गया है।

पशु गणना होने से क्या लाभ?

पशुओं के नवीनतम आंकड़े उपलब्ध न होने के कारण, संबंधित योजनाओं के लिए पुराने आंकड़ों का उपयोग किया जा रहा है। पशु चिकित्सालयों में दवाइयाँ पुराने आंकड़ों के आधार पर ही खरीदनी पड़ रही हैं। इससे महामारी काल में पशुपालकों को पशु चिकित्सालय जाने में भी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।

सरकार जिले के प्रथम और द्वितीय श्रेणी के पशु चिकित्सालयों को दवाइयाँ उपलब्ध कराती है। हालांकि यह दवा स्टॉक पुराने आँकड़ों के आधार पर भेजा जाता है। पशुपालकों को निजी दुकानों से महंगी दवाइयाँ खरीदने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है। इसी तरह की कमी पशुओं के टीकाकरण अभियान में भी समस्या पैदा कर रही है।

यह भी पढ़ें – आखिरकार सोनोग्राफी सेंटर को कर दिया सील, यवतमाल में अवैध सेंटर चला रहे डॉक्टर के खिलाफ कार्रवाई

20वीं पशुगणना में जिले की स्थिति

Header 1 Header 2
गाय और बैल 5,96,113
भैंस और मेढ़े 88,384
भेड़ 22,587
बकरियां 3,49,979
घोड़े 331
गधे 198
सूअर और अन्य 1425
कुल पशुधन 10,59,017
मुर्गियां और बत्तखें 8,86,784

मामला केंद्र सरकार के पास

हमने पशुगणना पूरी कर ली है और पूरी जानकारी भेज दी है। जनगणना के आँकड़े केंद्र सरकार द्वारा घोषित किए जाते हैं। इसे जल्द ही जारी किया जाएगा।

– डॉ. क्रांति कोटोले, सहायक आयुक्त, पशुपालन, यवतमाल।

Yavatmal administration unsure cattle livestock census data not been released

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Published On: Oct 06, 2025 | 01:04 PM

Topics:  

  • Maharashtra
  • Yavatmal
  • Yavatmal News

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