सांसद ने किसानों से की मुलाकात (सौजन्य-नवभारत)
Yavatmal News: यवतमाल जिले के झरी जामनी संभाग तालुका के सालेभट्टी में जैसे ही सांसद प्रतिभा धानोरकर किसानों के बांध पर पहुंचीं, किसानों ने अपनी आप बीती उन्हे सुनाई और कहा कि हमारे बच्चों की पढ़ाई, परिवार जनों का एक दूसरे के घर आना-जाना सब खेती पर निर्भर है, लेकिन बारिश के कारण सब कुछ बदल गया है, हमने जो सपने देखे थे, वे चकनाचूर हो गए हैं, 10 एकड़ में से 2 एकड़ की फसल भी अच्छी नहीं रही, रबी की कोई गारंटी नहीं है, अब हम कैसे जिऐंगे, हमारे पास न नौकरी है, न तनख्वाह, हम मिट्टी में मेहनत करके जीने वाले लोग हैं।
हालांकि, सरकार ने 50 हज़ार रुपये प्रति एकड़ मुआवज़ा देने की मांग की। सरकार को हमें प्रति एकड़ पचास हज़ार की सहायता देनी चाहिए, खेतों की सफ़ाई में दस हज़ार प्रति एकड़ का ख़र्च आएगा और वे हमें पांच हज़ार की सहायता देने का मानदंड तय करके हमें फंसाने की कोशिश कर रहे हैं, हम चार-पांच हज़ार में क्या करेंगे, यह हृदय विदारक प्रतिक्रिया सालेभट्टी के किसानों ने भारी बारिश से हुए नुकसान का मुआयना करने आईं कांग्रेस सांसद प्रतिभाताई के सामने व्यक्त की।
शनिवार को कांग्रेस सांसद प्रतिभा धानोरकर, पूर्व विधायक वामनराव कासावार, तालुका अध्यक्ष संदीप बुर्रेवार, कृषि उपज मंडी समिति के पूर्व अध्यक्ष प्रकाश माकलवार, पंचायत समिति के पूर्व अध्यक्ष भूमरेड्डी बाजनलावार, पूर्व ज़िला परिषद सदस्य प्रकाश कासावार, भगवान चुक्कावार, हरिदास गुर्जलवार आदि ने क्षतिग्रस्त क्षेत्र का मुआयना किया और किसानों की समस्याएं सुनीं।
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इस दौरान उपस्थित लोगों की आंखें संबंधित किसान का दर्द सुनकर नम हो गईं। एक तरफ़ राज्य के मुख्यमंत्री किसानों को मदद देने की बात करते हैं और दूसरी तरफ़ पंचनामा और मापदंड बनाने के आदेश जारी करते हैं। उनकी बातों में एकरूपता नहीं है।
राज्य सरकार को पंचनामा बनाने के सभी नियम-शर्तों को दरकिनार कर आपदा पीडितों के लिए 75,000 रुपये प्रति हेक्टेयर की तत्काल सहायता की सार्वजनिक घोषणा करनी चाहिए और दिवाली से पहले सहायता प्रदान करनी चाहिए।