पौष्टिक और स्वादिष्ट सिंघाड़ों की बढ़ी मांग (सौजन्यः सोशल मीडिया)
Jhari-Jamni, Mukutban: मुकूटबन में सितंबर माह की शुरुआत होते ही बाजारों में सिंघाड़ों की सुगंध फैलने लगती है। हल्के हरे- लाल -काले रंग के, स्वादिष्ट और पोषक तत्वों से भरपूर सिंघाड़े ग्राहकों की पसंद बन गए हैं। हर साल की तरह इस साल भी सिंघाड़ों की बिक्री शुरू हो चुकी है, और बढ़ती मांग के कारण इनके दामों में भी वृद्धि देखने को मिल रही है।
पिछले साल प्रति सैकड़ा रुपये 60 में बिकने वाले सिंघाड़े इस बार सीधे रुपये 80 तक पहुंच गए हैं। थोक भाव बढ़ने से विक्रेताओं का यह मौसमी व्यवसाय भी रफ्तार पकड़ रहा है। स्थानीय सिंघाड़ा विक्रेता वसंता पारशीवे ने बताया कि यह व्यवसाय भले ही तीन महीने का होता है, लेकिन इससे अच्छी कमाई होती है।
मुकूटबन का सिंघाडा तेलंगणा, चंद्रपूर, यवतमाल जीले के हर जगह जाता है,” हर दिन तलाब की बेल से ताज़ा माल तोडा जाता है। सुबह से ही बाजारों में ग्राहकों की भीड़ सिंघाड़ा विक्रेताओं के फूटपाथ पर बैठी दुकानो पर देखी जा सकती है। सिंघाड़ा एक जलवनस्पति वर्ग का फल है, जिसमें भरपूर मात्रा में लोहा, कैल्शियम, फाइबर और विटामिन पाए जाते हैं। यह शरीर को ठंडक देने वाला, ऊर्जा बढ़ाने वाला और स्वास्थ्य के लिए अत्यंत लाभदायक फल माना जाता है।
उपवास के दिनों में सिंघाड़ों का सेवन विशेष रूप से किया जाता है, क्योंकि इससे शरीर को ऊर्जा और तृप्ति दोनों मिलती हैं। जैसे-जैसे सर्दी बढ़ेगी, वैसे-वैसे सिंघाड़ों की बिक्री का यह मौसम और कुछ हफ्ते जारी रहेगा। व्यापारियों ने उम्मीद जताई है कि त्योहारों और सर्दियों के मौसम में सिंगाड़ा की मांग और बढ़ेगी।
शरीर को प्राकृतिक ठंडक प्रदान करता है, रक्त में लोहे की मात्रा बढ़ाता है, पाचन शक्ति सुधारता है, उपवास के समय ऊर्जा का उत्तम स्रोत है।
ग्राहक और व्यापारी दोनों के लिए यह मौसमी व्यवसाय फायदेमंद साबित हो रहा है। पौष्टिकता और स्वाद इन दोनों गुणों की वजह से सिंघाड़े आज भी बाजार में अपनी अलग पहचान बनाए हुए हैं। झरी जामणी, मुकूटबन, पाटण, कायर, वणी एवं मारेगांव सहित आसपास के बाजारों में फूटपाथ पर बैठी दुकाने, सिंघाड़ों के ठेले, छोटी दुकानें और हाथगाड़ियां सज गई हैं। सर्द हवाओं में गर्म सिंघाड़ों का स्वाद लेने वालों की कतारें लग रही हैं। शहर से लेकर ग्रामीण इलाकों तक इस फल की मांग लगातार बढ़ती जा रही है। सर्दी के मौसम में सिंघाड़ों का यह मौसमी व्यवसाय, स्वाद और सेहत दोनों का आनंद बढ़ा रहा है।