अजय मुंडे और धनंजय मुंडे (सोर्स: सोशल मीडिया)
बीड: धनंजय मुंडे का बीड जिले में अपराध और सरपंच संतोष देशमुख की हत्या से कोई लेना-देना नहीं है। यह बात पूर्व मंत्री धनंजय मुंडे के चचेरे भाई अजय मुंडे ने कही है। अजय ने धनंजय मुंडे पर लगे आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि पंकजा मुंडे और धनंजय मुंडे दोनों भाई-बहन का मंत्री बनना उनके विरोधियों के आंखों में खटकता था। इसीलिए उन पर यह आरोप लगाए गए है।
संतोष देशमुख हत्या मामले के मुख्य आरोपी वाल्मिक कराड को गिरफ्तार कर लिया गया। कराड को धनंजय मुंडे का करीबी सहयोगी माना जाता था। राजनीति गलियाराें में चर्चा है कि कराड के जेल जाने के बाद अजय मुंडे अब धनंजय मुंडे के करीब आ गए है। धनंजय मुंडे ने जब गोपीनाथ मुंडे का साथ छोड़ा था तब वाल्मिक कराड ने धनंजय मुंडे के साथ रहने का फैसला किया। इससे धनंजय मुंडे और वाल्मिक कराड के बीच दोस्ती बढ़ने लगी।
पिछले दस वर्षों में बीड की राजनीति में धनंजय मुंडे का प्रभाव बढ़ा इसके परिणामस्वरूप वाल्मिक कराड का दबदबा भी बढ़ता गया। बीड में चर्चा है कि इसके बाद बीड जिले का पुलिस अधीक्षक और जिला कलेक्टर कौन होना चाहिए? यह भी वाल्मिक कराड ही तय करता था। लेकिन 9 दिसंबर को संतोष देशमुख की हत्या कर दी गई। तब से वाल्मिक फरार था। अंततः 31 दिसंबर को उन्होंने पुणे स्थित सीआईडी कार्यालय में आत्मसमर्पण कर दिया।
वाल्मिक कराड की गिरफ्तारी के बाद धनंजय मुंडे ने भी परली और बीड में अपनी राजनीतिक उपस्थिति बनाए रखने के लिए आंदोलन शुरू कर दिया। इसके तहत परली में ‘जगमित्र’ कार्यालय की जिम्मेदारी उनके चचेरे भाई अजय मुंडे को दी गई।
इससे पहले इस कार्यालय की देखभाल वाल्मिक कराड द्वारा की जाती थी। हालांकि, कराड की गिरफ्तारी के बाद धनंजय मुंडे ने सारी शक्ति अजय मुंडे को सौंप दी। लेकिन साथ ही, यह अजय मुंडे कौन हैं? ऐसा प्रश्न भी उठने लगा।
अजय मुंडे महाराष्ट्र के बीड जिले के एक सक्रिय राजनीतिक व्यक्ति हैं। वह एनसीपी नेता धनंजय मुंडे के चचेरे भाई हैं। उन्होंने परली निर्वाचन क्षेत्र में ‘जगमित्र’ कार्यालय का कार्यभार संभाला है। पहले यह कार्यालय वाल्मिक कराड देख रहे थे, लेकिन उनकी गिरफ्तारी के बाद यह जिम्मेदारी अजय मुंडे को सौंप दी गई है।
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अजय मुंडे बीड जिला परिषद के सदस्य और समूह नेता हैं। वह पिंपरी जिला परिषद समूह से जीते हैं। वह वैद्यनाथ सहकारी शक्कर कारखाना, पांगरी के निदेशक के पद पर भी कार्यरत हैं। धनंजय मुंडे की अनुपस्थिति में अजय मुंडे निर्वाचन क्षेत्र में सक्रिय रहते हैं और नागरिकों की समस्याओं को हल करने के लिए काम करते हैं। इस भूमिका के कारण उन्हें परली निर्वाचन क्षेत्र की राजनीति में एक महत्वपूर्ण व्यक्ति के रूप में जाना जाता है।