वारिस पठान और नितेश राणे (सौजन्य-सोशल मीडिया)
मुंबई: जब से महाराष्ट्र में नितेश राणे को मंत्री पद मिला है तब से किसी-न-किसी बात को लेकर नितेश राणे लगातार विवादित बयान देते आए है। हाल ही में महाराष्ट्र सरकार के मंत्री नितेश राणे ने राज्य के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को पत्र लिखकर सभी मदरसों की जांच की मांग की थी। उनके इस रुख का एनसीपी-एपी ने विरोध किया है। अब एआईएमआईएम नेता वारिस पठान ने इस बारे में बड़ा बयान दिया है।
एआईएमआईएम प्रवक्ता और पूर्व विधायक वारिस पठान ने शुक्रवार को नितेश राणे पर निशाना साधते हुए कहा, “वह अपना मानसिक संतुलन खो चुके हैं। वह हर दिन मुसलमानों के खिलाफ बेतुके बयान देते हैं। उनकी बातों को कोई गंभीरता से नहीं लेता। वह हमेशा दो समुदायों को बांटने की बात करते हैं।”
वारिस पठान ने आगे कहा, “मुसलमानों के खिलाफ झूठ बोलने और जहर उगलने के लिए सरकार ने उन्हें मुसलमानों के खिलाफ इनाम भी दिया है। अब वह कैबिनेट मंत्री हैं। अब उन्हें ऐसे बयान नहीं देने चाहिए। नितेश हमेशा ध्रुवीकरण पर जोर क्यों देते हैं?”
"नितेश राणे अपना मानसिक संतुलन खो चुके हैं। हर दिन वह मुसलमानों के खिलाफ अनाप शनाप बकवास करते रहते है उनकी बातों को कोई भी गंभीरता से नहीं लेता … pic.twitter.com/xQte4f4p0r — Waris Pathan (@warispathan) February 13, 2025
वारिस पठान ने कहा, “महाराष्ट्र का वातावरण क्यों बिगाड़ रहे है। नितेश राणे के खिलाफ कई केस दर्ज है लेकिन अभी तक उन्हें गिरफ्तार नहीं किया गया है। आखिर क्यों नितेश राणे को शह दे रहे है देवेंद्र फडणवीस।”
इससे पहले एनसीपी प्रवक्ता आनंद परांजपे ने भी मंत्री नितेश राणे की मदरसों की जांच की मांग का विरोध किया था। उन्होंने कहा था, “किसी भी धर्म को निशाना बनाना गलत है। अगर कोई देश विरोधी गतिविधि हो रही है तो मुंबई पुलिस या महाराष्ट्र पुलिस उसे रोकने में सक्षम है, लेकिन धर्म के नाम पर सभी मदरसों की जांच की मांग पूरी तरह से गलत है।”
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मदरसे को लेकर उन्होंने क्या कहा? दरअसल, देवेंद्र फडणवीस कैबिनेट में मंत्री और बीजेपी नेता नितेश राणे ने सीएम देवेंद्र फडणवीस को पत्र लिखकर राज्य के सभी मदरसों की जांच की मांग की थी, उन्होंने कहा था कि गृह विभाग को राज्य के सभी मदरसों की जांच करनी चाहिए, जो विवाद का विषय बन गया है। आपको बता दें कि नितेश राणे अपने बयानों को लेकर आए दिन सुर्खियों में रहते हैं। इस बार उनके बयान की सहयोगी दलों द्वारा भी आलोचना की जा रही है।