वर्धा लोक निर्माण विभाग (सौजन्य-सोशल मीडिया)
Wardha News: लोक निर्माण विभाग के कार्यकारी अभियंता की मुश्किलें कम होने के बजाय बढ़ रही है। मुख्य अभियंता (चीफ इंजीनियर) ने कांग्रेस नेता शेखर शेंडे की शिकायत संज्ञान में लेते हुए सभी कामों के जांच के आदेश दिये है। किन्तु दो माह बीतने पर भी जांच वहीं पर ठहरी है। कार्यकारी अभियंता के वरिष्ठ स्तर पर अच्छे संबंध होने के कारण जांच में लापरवाही बरतने का आरोप है।
कांग्रेस के प्रदेश सचिव शेखर शेंडे ने 23 फरवरी 2025 को मुख्य सचिव लोक निर्माण विभाग की और शिकायत की थी। जिसमें उन्होंने कार्यकारी अभियंता सतिश अंभोरे पर 300 करोड़ के कामों की निविदा मैनेज कर 10 करोड़ रुपये का कमीशन लेने का आरोप लगाया था। निविदा धारकों के कागजात आधे-अधूरे होने के उपरांत भी अंभोरे ने उन्हें काम आवंटित करने की बात शेंडे ने कही थी।
गोपुरी चौक-नालवाडी-महाकाल मार्ग सीमेंट सड़क व नाली का इगल इन्फ्रा व इंद्रजीत कन्स्ट्रक्शन ने टेंडर भरा था। दोनों कामों में आरएमसी प्लांट होना आवश्यक था। प्लांट व निर्माण कार्य की दूरी के संदर्भ में नक्क्षा देना जरूरी था। परंतु दो कंपनियों ने एक ही प्लांट दिखाया है। वास्तविकता में प्लांट अलग होना चाहिए था। लेकिन अंभोरे ने इस नियम को ताक पर रखते हुए निविदा खोली।
सेलू सीमेंट रोड के काम आरएमसी प्लांट टेंडर धारक के पास होना अनिवार्य था। किंतु रायसिंग कन्स्ट्रक्शन ने प्लांट खरीदने की बात कही। लेकिन प्लांट खरीदी के किसी प्रकार के कागजात नहीं जोड़े थे। जिससे उसका टेंडर रद्द होना चाहिए था। किंतु ऐसा नहीं हुआ। अन्य कामों के संदर्भ में भी नियमों को दरकिनार किया गया है, ऐसा आरोप शेंडे ने लगाया।
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कांग्रेस के प्रदेश सचिव शेखर शेंडे की शिकायत के बाद वरिष्ठ स्तर से मिली सूचना के बाद ए. एस. गोडेगोणे अधीक्षक अभियंता चंद्रपुर ने आर्वी लोक निर्माण विभाग के कार्यकारी अभियंता को सभी कामों की जांच कर रिपोर्ट प्रस्तुत करने के आदेश दिये थे। जिसके बाद मुख्य अभियंता कार्यालय ने शिकायत के संदर्भ में जांच रिपोर्ट अभिप्राय के साथ भेजने के निर्देश दिए।
परंतु जांच रिपोर्ट व कार्यकारी अभियंता के अभिप्राय को लेकर सस्पेंस बना हुआ है। दो माह का समय बीतने के बाद भी इन आरोप पर किसी प्रकार की कार्रवाई नहीं हुई है। जिसके पीछे की वजह कार्यकारी अभियंता के वरिष्ठ नेता व अधिकारियों के साथ के संबंध बताए जा रहे हैं।