वर्धा सिंचाई विभाग का काम राम भरोसे (सौजन्यः सोशल मीडिया)
Wardha News: गत कुछ वर्षों से जलसंपदा विभाग के वर्धा सिंचाई विभाग का कामकाज राम भरोसे चल रहा है़ ।विभाग में तबादला होने के बावजूद भी कर्मी अपना टेबल छोडने के लिए तैयार नहीं है़। इस ओर वरिष्ठों की पूर्णत: अनदेखी हो रही है़। सूत्रों के अनुसार वर्धा विभाग में कार्यरत एक कनिष्ठ लिपीक का सिंचाई उपविभाग आर्वी में तबादला हुआ है़। उन्हें यहां से कार्यमुक्त किया गया़।
संबंधित कर्मी पर भांडार शाखा का कार्यभार प्रलंबित है़। विभाग ने बार-बार पत्र व्यवहार भी किया़ परंतु उक्त कर्मी अपना कार्यभार हस्तांतरित नहीं कर रहे़। नाहीं आर्वी में कार्यभार स्वीकार रहे है़ं। वर्धा का कार्यभार भी हस्तांतरित नहीं कर रहे़ परिणाम वश विभाग के महत्वपूर्ण काम प्रलंबित पडे है़। विभाग में कार्यरत एक वरिष्ठ लिपिक का भी देवली में तबादल हुआ है़ उन्हें भी अब तक कार्यमुक्त नहीं किया गया़।
यही नहीं तो उनका तबादला रद्द करने का प्रस्ताव वरिष्ठ कार्यालय को भेजा गया है़। एक कर्मी गत दस वर्षों से एक ही टेबल संभाल रहा है़। उसका तबादला धाम प्रकल्प कार्यालय में हो है़। परंतु उसे टेबल का मोह इतना हैं कि वरिष्ठ अधिकारी को खुश कर एक ही जगह बैठा है़ यहां सभी कर्मियों के लिए अलग अलग नियम बने होने की चर्चा है़।
आर्वी सिंचाई उपविभाग में तबादला हुए कनिष्ठ लिपिक की जगह पर एक कर्मी को जिम्मेदारी सौंपी गई है़। परंतु संबंधित कनिष्ठ लिपिक अपना चार्ज देने के लिए तैयार नहीं, नाहीं चार्ज लेने के लिए तैयार है़। नया कर्मी नियमित रूप से काम पर पहुंच रहा है़। यही कारण हैं कि, दोनों का गत छह माह से वेतन रोका गया है़ वास्तव में वर्धा कार्यालय में तबादला होकर आये कर्मी का वेतन रोकने का कारण क्या है? जबकि आर्वी में तबादला होने के बाद भी संबंधित कर्मी उसे चार्ज देने के लिए तैयार नहीं, इसमें दोष किसका है? इस ओर भी ध्यान देना जरूरी है़।
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नियमानुसार कोई कर्मी एक टेबल पर तीन वर्ष से अधिक समय नहीं रहता़ परंतु यहां दस वर्षों से कर्मी एक ही टेबल संभाल रहे है़ं। इस दफ्तर के भांडार शाखा से काफी मटेरियल गायब हुआ है़ कई महत्वपूर्ण रिकार्ड गायब है़ सेवा निवृत्त कर्मी के मूलसेवा पुस्तक गायब है़। धोत्रा के मृत कर्मी की सेवापुस्तक यहां से गायब होने की बात सामने आयी है़। इन सभी बातों से दिवंगतों की विधवाओं को अतिरिक्त लाभ से वंचित रहना पड रहा है़ इस ओर भी वरिष्ठ अधिकारी ध्यान नहीं दे रहे है़ं।
वर्धा सिंचाई विभाग अंतर्गत जिले के बडे, मध्यम व छोटे प्रकल्पों की देखभाल का काम होता है़। बारिश के मौसम में कर्मियों पर जिम्मेदारियां बढती है़। परंतु बरसों से इस विभाग में अल्प मनुष्यबल कार्यरत है़ यहां वर्ग अ से वर्ग ड तक करीब 285 पद मंजूर है़ वास्तविकता में यहां 100 ही अधिकारी, कर्मी कार्यरत है़ रिक्त पदो की भरमार है़।
वर्धा सिंचाई विभाग के कार्यकारी अभियंता नितिन गुप्ता ने कहा कि सिंचाई विभाग में स्टाफ की काफी कमी है़ एक कर्मी पर अन्य टेबलो की जिम्मेदारी है़ उनके ओर कुछ काम पेंडिंग है़। इसलिए उन्हें छोडने में देरी हो रही है़। अन्य प्रकरण में विस्तृत जानकारी लेकर कुछ बता पाएंगे़।