वर्धा में फसलें तबाह (सौजन्य-नवभारत)
Wardha News: वर्धा जिले में गुरुवार को दिनभर जोरदार बारिश चली। देर रात को भी बिजली की कड़कड़ाहट के साथ बारिश हुई। इससे नदी-नालों में बाढ़ आ गई़ कुछ हिस्सो में मार्ग का परिवहन कई घंटो तक बंद रहा। कई गांवों में बाढ़ का पानी घुसने से तालाब का स्वरुप आ गया था। नाचनगांव में दिवार ढहने से युवक की मौत हुई़ ग्रामीण अंचल में कुछ मकानों को क्षति पहुंची। फसलों का बड़ी मात्रा में नुकसान बताया गया।
शुक्रवार को भी जिले में रुक-रुक कर बारिश चलते रही। नदी-नालों का जलस्तर बढ़ने से तटीय इलाकों में प्रशासन ने अलर्ट जारी कर दिया है। जिला व तहसील स्तर पर आपदा नियंत्रण यंत्रणा सज्ज रखी गई है। जिले से वर्धा, वणा, धाम, पोथरा, बोर, यशोदा, बाकली, भदाडी, चोड, कड, शेर व नांद यह 12 प्रमुख नदियां बहती है। इन नदियों के तट पर बसे 213 गांवों में बाढ़ का खतरा रहता है।
जबकि 27 क्षेत्र अत्यंत संवेदनशील बताए गए। गुरुवार को दिनभर भारी वर्षा चली। सर्वाधिक बारिश वर्धा तहसील में हुई। शहर में तो मुख्य-मुख्य सड़कें जलमय हो गई थी। मार्केट में कई दूकानों में बारिश का पानी घुस गया था। दिनभर जनजीवन प्रभावित रहा। देर रात तक बारिश शुरू रही। जिले के 7 राजस्व मंडलों में अतिवृष्टि बताई गई। इसमें आर्वी तहसील के विरुल में 91.8 मिमी बारिश हुई।
यहां बादल फटने जैसी स्थिति पैदा हुई थी। वर्धा तहसील के वर्धा मंडल में 73.3 मिमी, वायफड में 70.5 मिमी, सालोड में 89.0 मिमी, वायगांव में 76.5 मिमी, सेवाग्राम में 73.3 मिमी व सेलू तहसील के विजयगोपाल मंडल में सर्वाधिक 103.5 मिमती बारिश दर्ज की गई। इसके अलावा कांदेगांव, नांचनगांव व पुलगांव राजस्व मंडल में प्रत्येकी 64.5 मिमी बारिश दर्ज की गई। चौबीस घंटे में औसत 42.2 मिमी वर्षा हुई।
जोरदार बारिश से जिले की यशोदा नदी में बाढ़ आ गई। पुलिया के ऊपर से पानी बहने के कारण वर्धा-रालेगांव मार्ग काफी समय तक बंद रहा। बाढ़ का पानी आलमडोह गांव में घुसने से तालाब का स्वरुप आ गया था। गांव की ग्राम पंचायत इमारत बाढ़ में घिर गई थी। जलस्तर बढ़ने के कारण अलमडोह से अल्लीपुर का परिवहन बंद गिर गया था।
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जिले के कुछ हिस्सो में भारी वर्षा के कारण खेतों में बडी मात्रा में पानी जम गया था। इससे सोयाबीन, कपास व तुअर की फसले तबाह हो गई। विरुल व विजयगोपाल में में तो बादल फटने जैसी स्थिति थी। बाढ़ का पानी खेतों में घुस गया। इससे फसल व जमीन बह गई है। किसानों ने नुकसान भरपाई की मांग सरकार से की है।