इस बार 142 निर्दलीय प्रत्याशी चुनावी मैदान में (सौजन्यः सोशल मीडिया)
Wardha municipal elections 2025: वर्ष 2016 के अंत में हुए नगरपालिका चुनावों में जिले की छह नगर परिषदों से सिर्फ सात निर्दलीय उम्मीदवार पार्षद बनकर आए थे। नगराध्यक्ष पद पर उतरे सभी निर्दलीय उम्मीदवारों को हार का सामना करना पड़ा था। लेकिन इस वर्ष होने वाले चुनाव में तस्वीर पूरी तरह बदल गई है। इस बार छह नगर परिषदों में कुल 151 निर्दलीय उम्मीदवार नगराध्यक्ष और नगरसेवक पदों के लिए मैदान में हैं। चुनावी माहौल दिनोंदिन गर्माता जा रहा है।
गुरुवार, 26 नवंबर को निर्दलीय उम्मीदवारों को चुनाव चिन्ह आवंटित किए गए। इसके बाद सीमित समय में मतदाताओं तक पहुंचने के लिए वे पूरी ताकत झोंक रहे हैं। अब प्रचार के लिए केवल तीन दिन शेष हैं, ऐसे में उनकी चुनौतियाँ बढ़ गई हैं। जिले की वर्धा, हिंगनघाट, आर्वी, देवली, सिंदी (रेलवे) सहित छह नगर परिषदों में विभिन्न दलों के 531 उम्मीदवारों के साथ कुल 151 निर्दलीय चुनाव मैदान में हैं। इनमें 9 उम्मीदवार नगराध्यक्ष पद के दावेदार हैं।
राजनीतिक दलों ने 22 नवंबर से ही चुनाव चिन्ह मिलने के तुरंत बाद प्रचार आरंभ कर दिया था। लेकिन चिन्ह मिलने में देरी होने के कारण निर्दलीयों को प्रारंभिक प्रचार में कठिनाइयों का सामना करना पड़ा। 26 नवंबर को चुनाव चिन्ह मिलने के बाद उन्होंने 27 नवंबर से तेजी से प्रचार शुरू कर दिया है। निर्दलीय उम्मीदवार घर-घर जनसंपर्क, व्यक्तिगत मुलाकातों के साथ-साथ सोशल मीडिया का भी भरपूर उपयोग कर मतदाताओं को आकर्षित करने में जुटे हैं। वर्ष 2016 में केवल सात निर्दलीय पार्षद विजयी हुए थे। ऐसे में इस बार 151 निर्दलीयों में से कौन बाजी मारेगा, इसे लेकर मतदाताओं में उत्सुकता चरम पर है। यह उत्सुकता मतगणना के दिन 3 दिसंबर को समाप्त होगी।
छह नगर परिषदों के चुनाव में निर्दलीय प्रत्याशियों को 26 नवंबर को ही चुनाव चिन्ह मिला, जिसके चलते उन्हें सिर्फ 27 से 30 नवंबर तक तीन दिन ही प्रचार का अवसर प्राप्त हुआ है। 2 दिसंबर को मतदान होगा और 3 दिसंबर को परिणाम घोषित किए जाएंगे। इतने कम समय में मतदाताओं तक पहुंचने के लिए उम्मीदवार हरसंभव प्रयास कर रहे हैं।
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चुनाव चिन्ह मिलते ही निर्दलीय उम्मीदवारों ने तेजी से प्रचार सामग्री पोस्टर, बैनर तैयार करवाकर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर साझा करना शुरू कर दिया है। इस बार नगराध्यक्ष और नगरसेवक दोनों पदों पर उतरे अधिकांश निर्दलीय डिजिटल प्रचार पर खास ध्यान दे रहे हैं, जिससे वे कम समय में अधिक मतदाताओं तक पहुंचने की कोशिश में हैं।