वर्धा में भारी बारिश (सौजन्य-नवभारत)
Heavy Rainfall in Wardha: वर्धा जिले में गुरुवार के बाद शुक्रवार दूसरे दिन भी धुआंधार बारिश के बाद रात को वर्षा ने जोर पकड़ लिया और जिले में जमकर बारिश हुई। इसके चलते जिले में एक बार फिर बाढ़ की स्थिति उत्पन्न हो गई थी। शनिवार सुबह बारिश थमी और मौसम साफ हुआ, लेकिन बीते 24 घंटों में जिले के 14 राजस्व मंडलों में अतिवृष्टि दर्ज की गई है।
जिले में औसतन 52.9 मिमी बारिश दर्ज की गई। भारी बारिश के कारण नदियों व नालों का जलस्तर बढ़ गया और शुक्रवार रात बाढ़ का संकट मंडराने लगा। हिंगनघाट तहसील के टाकली गांव के विद्यार्थियों को नाले में बाढ़ आने के कारण आजनसरा गांव के मंदिर में रात गुजारनी पड़ी।
आर्वी तहसील के बार्हा-सोनेगांव गांव में कुछ घरों को बाढ़ के पानी ने घेर लिया, जिसके कारण 150 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर भेजा गया। रातभर जारी बारिश के चलते बाढ़ की स्थिति बन गई और जनजीवन प्रभावित हुआ। यहां के लोग बरसो से पुनर्वास की मांग कर रहे है।
पिछले 24 घंटों में 14 राजस्व मंडलों में सबसे अधिक बारिश हुई़ इसमें मांडगांव 72.3 मिमी, कांढळी 79.8 मिमी, शिरसगांव 99 मिमी, अल्लीपुर 99.5 मिमी, कुटकी 100.3 मिमी, चिंचोली 89 मिमी, वडनेर 99 मिमी, कानगांव 133.5 मिमी, वाघोली 99.8 मिमी, हिंगनघाट शहर 99.8 मिमी, गिरोली 110 मिमी, सिंदी (सेलू) 85 मिमी, तळेगांव 137.3 मिमी, वायगांव (नि) 94.3 मिमी बारिश हुई है।
पिछले चौबीस घंटे में जिले में कुल 52.9 मिमी औसत वर्षा हुई है़ इसमें आर्वी 36 मिमी, कारंजा 31.1 मिमी, आष्टी 28.8 मिमी, वर्धा 60.4 मिमी, सेलू 35.4 मिमी, देवली 43.8 मिमी, हिंगनघाट में सर्वाधिक 92.5 मिमी व समुद्रपुर में 54.8 मिमी बारिश दर्ज की गई।
यह भी पढ़ें – Wardha: 8 पंचायत समितियों का आरक्षण हुआ घोषित, अनुसूचित जाति के लिए रिजर्व जिला अध्यक्ष का पद
बोडकी नाले के बाढ़ में कुछ लोग फंस गए थे। सूचना मिलते ही बचाव दल ने शुक्रवार देर रात कार्रवाई कर 9 लोगों और 95 बकरियों को सुरक्षित बाहर निकाला। रेस्क्यू किए गए लोगों में पांडुरंग कारवटकर, माधव नांदुरकर, रावण कलणे, पांडुरंग रघाटाटे, गोपाल कामडी, पांडुरंग पिसे, बाबाराव पिसे, विट्ठल पिसे व तुकाराम ढगे शामिल हैं।
रातभर हुई मूसलाधार बारिश के कारण खेत जलमग्न हो गए। नदियों और नालों के किनारे की जमीन बह जाने से फसलों को भारी नुकसान पहुंचा है और किसानों की परेशानी और बढ़ गई है। वर्षा से सोयाबीन, कपास, तुअर सहित सब्जी फसल तबाह हो गई है।