किसानों का नुकसान (सौजन्य-IANS)
Wardha News: चालू वर्ष के खरीफ मौसम में जिले में समय-समय पर हुई अतिवृष्टि के कारण भारी फसल नुकसान हुआ है। जिले में कुल 2 लाख 82 हजार 311.8 हेक्टेयर क्षेत्र में खड़ी फसलों को 33 प्रतिशत से अधिक नुकसान पहुंचा। प्रभावित किसानों को आर्थिक राहत देने के लिए राज्य सरकार द्वारा मुआवजा घोषित किया गया है। अब तक जिले के 85.38 प्रतिशत नुकसानग्रस्त किसानों को सरकारी सहायता का लाभ मिल चुका है।
हालांकि, ई-केवाईसी पूरी न होने के कारण 15,330 किसानों के बैंक खातों में 13.31 करोड़ रुपये की मुआवजा राशि का भुगतान फिलहाल अटका हुआ है। जून माह की शुरुआत में बारिश ने धोखा दिया, लेकिन बाद में पर्याप्त वर्षा होने से किसानों ने बुवाई तेज कर दी। फसलें अंकुरण और वृद्धि की अवस्था में थीं, तभी जिले में बार-बार अतिवृष्टि हुई और बाढ़ जैसी स्थिति बन गई।
इस प्राकृतिक आपदा का सबसे ज्यादा असर सोयाबीन, तूर और कपास की फसलों पर पड़ा। शासन के निर्देशानुसार जिले में फसल नुकसान का सर्वेक्षण किया गया। सर्वे में यह सामने आया कि 2 लाख 56 हजार 259 किसानों की 2 लाख 82 हजार 311.8 हेक्टेयर भूमि पर 33 प्रतिशत से अधिक फसल क्षति हुई है।
इसके बाद जिला प्रशासन ने प्रभावित किसानों के लिए 240 करोड़ 13 लाख 1 हजार 735 रुपये की सहायता राशि की मांग सरकार से की। सरकार ने किसानों की स्थिति को ध्यान में रखते हुए मुआवजा देने को मंजूरी दी। निधि प्राप्त होने के बाद जिन किसानों की ई-केवाईसी पूरी थी, उनके बैंक खातों में राशि जमा करना शुरू किया गया।
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अब तक 1 लाख 93 हजार 276 किसानों के खातों में 178 करोड़ 10 लाख 71 हजार 872 रुपये जमा किए जा चुके हैं। वहीं, ई-केवाईसी पूरी न होने से 15,330 किसानों की 13 करोड़ 31 लाख 68 हजार 750 रुपये की राशि अभी लंबित है।
सर्वेक्षण में 2 लाख 56 हजार 259 किसानों के नुकसान की पुष्टि हुई थी। इनमें से 2 लाख 21 हजार 985 किसानों का पंजीकरण ऑनलाइन पोर्टल पर किया गया है, जबकि 38 हजार 110 किसानों का अब तक पंजीकरण नहीं हो पाया है।