कॉन्सेप्ट फोटो (सोर्स: सोशल मीडिया)
Wardha MNREGA Grant Scam: वर्धा जिले की आर्वी पंचायत समिति में मनरेगा (महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना) अनुदान में करोड़ों रुपये के बड़े घोटाले का पर्दाफाश हुआ है। इस मामले में, पंचायत समिति के सहायक कार्यक्रम अधिकारी प्रणाली कसर पर सरकारी धन के गबन का आरोप है। शुरुआती जांच में ही ₹25,28,319 के गबन की पुष्टि हुई है, जिसके बाद अब मामले की गहराई से जांच के लिए एक उच्चस्तरीय समिति का गठन किया गया है। यह समिति जल्द ही आर्वी पहुंचकर विस्तृत जांच शुरू करेगी।
इस गंभीर मामले का संज्ञान लेते हुए, जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी पराग सोमन ने तुरंत कार्रवाई के निर्देश दिए। उनके आदेश पर आर्वी के गट विकास अधिकारी ने एक प्राथमिक जांच की, जिसमें गबन की पुष्टि हुई। इसके बाद, मुख्य कार्यकारी अधिकारी पराग सोमन ने समुद्रपुर के गट विकास अधिकारी की अध्यक्षता में एक सात सदस्यीय समिति का गठन किया है।
इस समिति में कई तकनीकी विशेषज्ञों को भी शामिल किया गया है, जिनकी राय और निरीक्षण जांच रिपोर्ट में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। समिति को जल्द से जल्द आर्वी पहुंचकर मनरेगा में गबन के मामले की गहनता से जांच करने का निर्देश दिया गया है।
इस मामले में आरोपी प्रणाली कसर को जांच शुरू होते ही पहले अनिवार्य अवकाश पर भेजा गया था, और उसके बाद उन्हें सेवा से बर्खास्त कर दिया गया। यह कदम दर्शाता है कि इस मामले की गंभीरता को प्रशासन ने तुरंत पहचान लिया था।
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लगातार तीन दिन की छुट्टियों के कारण जांच का कार्य रुका हुआ था, लेकिन अब सरकारी कार्यालयों के फिर से खुलने के बाद समिति के कभी भी आर्वी पहुंचने की उम्मीद है। विश्वसनीय सूत्रों के अनुसार, यह विस्तृत जांच कई और बड़े खुलासे कर सकती है।
यह मामला न केवल सरकारी योजनाओं में व्याप्त भ्रष्टाचार को उजागर करता है, बल्कि प्रशासन की जवाबदेही पर भी सवाल खड़े करता है। अब यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि विस्तृत जांच में यह मामला कौन सा नया मोड़ लेता है और क्या इसमें और भी बड़े अधिकारी शामिल पाए जाते हैं।