
प्रतीकात्मक तस्वीर (सोर्स: सोशल मीडिया)
Maharashtra Gram Panchayat Election Delay: महाराष्ट्र में स्थानीय निकाय के चुनाव में हो रही देरी के कारण अब ग्राम पंचायत के चुनाव भी देरी से होने की आशंका बढ़ गई है। वर्धा जिले में कुल 517 ग्राम पंचायतें हैं। इनमें से लगभग 316 ग्राम पंचायतों का कार्यकाल समाप्त हो चुका है। इन ग्राम पंचायतों के लिए चुनाव की तैयारी भी शुरू हो गई थी, परंतु नगर पालिका, जिला परिषद व महानगरपालिका के चुनावों में हो रही देरी के चलते अब कार्यकाल समाप्त हो चुकी ग्राम पंचायतों के चुनाव भी दिवाली के समय होने की संभावना बढ़ गई है। इससे इच्छुक उम्मीदवारों में फिर से मायूसी छा गई है।
कम से कम छह माह तक ग्राम पंचायत के चुनाव नहीं होंगे, ऐसी आशंका प्रशासनिक स्तर पर व्यक्त की जा रही है। इसी के साथ संबंधित ग्राम पंचायतों पर लंबे समय तक प्रशासक राज बना रहेगा, यह लगभग स्पष्ट हो गया है।
वर्धा जिले की आठ तहसीलों में करीब 316 ग्राम पंचायतों का पांच वर्ष का कार्यकाल खत्म हो गया है। यहां नए सरपंच व सदस्यों के लिए दिसंबर माह में ही ग्राम पंचायत का चुनावी कार्यक्रम घोषित होने की उम्मीद थी। परंतु वर्तमान में नगर पालिका, जिला परिषद, पंचायत समिति व महानगरपालिका की चुनाव प्रक्रिया चल रही है।
हाल ही में जिले में पांच नगर पालिकाओं के चुनाव संपन्न हुए हैं, जबकि देवली नगर पालिका के लिए 20 दिसंबर को मतदान है। इसके बाद 21 दिसंबर को चुनावी नतीजे आएंगे। इसके पश्चात जिला परिषद व पंचायत समिति के चुनाव होंगे और फिर महानगरपालिका के चुनाव की घोषणा की जाएगी। परिणामस्वरूप ग्राम पंचायत के चुनाव और अधिक देरी से होने की आशंका बढ़ गई है।
स्थानीय निकाय चुनाव 31 जनवरी के अंत तक कराने के निर्देश सर्वोच्च न्यायालय ने चुनाव आयोग को दिए हैं। देखा जाए तो यह समय अत्यंत कम है। ऐसे में चुनाव आयोग किस प्रकार स्थानीय इकाइयों के चुनाव पूर्ण करता है, यह देखना भी महत्वपूर्ण होगा। इन सभी चुनावों के बीच ग्राम पंचायत चुनाव की जिम्मेदारी भी है। ऐसे में ग्राम पंचायत चुनावों को देरी से कराने के अलावा फिलहाल कोई दूसरा विकल्प नहीं दिखाई दे रहा है।
ग्राम पंचायत के चुनाव में लगभग छह माह की देरी होना लगभग स्पष्ट हो गया है। ऐसे में ग्रामीण क्षेत्रों में ग्राम पंचायत सरपंच व सदस्य पद के लिए इच्छुक उम्मीदवारों में मायूसी देखने को मिल रही है। विभिन्न राजनीतिक दलों, संगठनों व निर्दलीय उम्मीदवारों ने ग्राम पंचायत चुनाव की तैयारी शुरू कर दी थी, परंतु अब उन्हें कुछ और महीनों तक इंतजार करना पड़ सकता है।
यह भी पढ़ें:- ‘मैं इसी मशीन से जीती हूं’, EVM पर सुप्रिया सुले ने छोड़ा राहुल गांधी का साथ, विपक्षी खेमे मची हलचल
| तहसील | ग्राम पंचायतों की संख्या |
|---|---|
| आष्टी | 22 |
| कारंजा | 34 |
| आर्वी | 23 |
| वर्धा | 59 |
| देवली | 46 |
| सेलू | 36 |
| हिंगनघाट | 56 |
| समुद्रपुर | 40 |
| कुल | 316 |
यदि फरवरी में चुनाव टलते हैं, तो ये चुनाव अगले छह से सात माह तक नहीं हो सकेंगे। मार्च से स्कूल और महाविद्यालयीन परीक्षाओं का मौसम शुरू हो जाता है। परिणामस्वरूप चुनाव के लिए स्कूलों के कक्ष तथा शिक्षक उपलब्ध नहीं हो पाएंगे। जून से बारिश का मौसम शुरू होता है। ऐसे में ग्राम पंचायत के चुनाव बारिश के बाद दशहरा-दीपावली के त्योहारों के समय ही कराए जा सकते हैं, ऐसी चर्चा प्रशासनिक स्तर पर की जा रही है।






