मंत्री पंकज भोयर (सोर्स: सोशल मीडिया)
CM SHRI School In Maharashtra: ग्रामीण क्षेत्रों में भी शहरी, निजी स्कूलों जैसी अत्याधुनिक सुविधाएं उपलब्ध हो और ग्रामीण छात्रों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिले, इसके लिए महाराष्ट्र सरकार ने सीएम श्री स्कूल योजना शुरू करने का निर्णय लिया है। यह योजना केंद्र सरकार की पीएम श्री स्कूल योजना की तर्ज पर चलाई जाएगी।
मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और शिक्षा मंत्री दादा भुसे के मार्गदर्शन में शालेय शिक्षा राज्य मंत्री डॉ. पंकज भोयर ने इस योजना की पहल की है। केंद्र सरकार द्वारा सरकारी स्कूलों के लिए पीएम श्री योजना शुरू की गई थी, जो राज्य में वर्ष 2022-23 से लागू है।
योजना के तहत केंद्र और राज्य सरकार का 60:40 प्रतिशत अनुपात में खर्च होता है। पहले चरण में 516 और दूसरे चरण में 311 स्कूलों को शामिल किया गया है। अब राज्य सरकार ने ग्रामीण क्षेत्रों की शैक्षणिक गुणवत्ता बढ़ाने के लिए सीएम श्री स्कूल योजना लागू करने का निर्णय लिया है।
राज्य में वर्तमान में 4,860 केंद्रीय स्कूल हैं। इन केंद्र शालाओं में से प्रत्येक के अंतर्गत आने वाली एक-एक स्कूल को ‘सीएम श्री स्कूल’ के रूप में विकसित करने का प्रस्ताव है। इन स्कूलों को भौतिक, मानव संसाधनों से सुसज्जित आदर्श स्कूल के रूप में विकसित किया जाएगा।
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स्कूलों का कुछ मानदंडों के आधार पर चयन किया जाएगा। इसमें विद्यार्थियों की संख्या अधिक होना, स्कूल के विकास के लिए स्थान की उपलब्धता, समर्पित शिक्षकों की उपलब्धता व समाज की सक्रिय भागीदारी आदि मानदंडों का समावेश रहेगा। इन स्कूलों में छात्रों को गुणवत्तापूर्ण और उत्कृष्ट सुविधाएं प्रदान की जाएगी। हर स्कूल की आवश्यकताओं के अनुसार कार्य योजना बनाई जाएगी।
सीएम श्री स्कूल योजना के तहत कुल 4,860 केंद्र शालाओं को शामिल करने का प्रस्ताव है। चूंकि इनमें से 827 स्कूलें पीएम श्री योजना और 477 स्कूलें आदर्श स्कूल योजना में पहले से ही शामिल हैं, इसलिए शेष 3,556 स्कूलों को सीएम श्री योजना में शामिल किया जाएगा।
प्रत्येक स्कूल पर अनुमानित रूप से 4 करोड़ रुपये का खर्च निर्धारित किया गया है, जिससे कुल 14,224 करोड़ रुपये का खर्च अनुमानित है। इस खर्च में कक्षा, शौचालय, पीने का पानी, सोलर पैनल, पुस्तकालय, अटल टिंकरिंग लैब, डिजिटल क्लासरूम व खर्च जिसमें संचालन खर्च, प्रशिक्षण, निगरानी व छात्रों के लिए शैक्षणिक आवश्यकताएं आदि आदि का समावेश होगा।
शिक्षा राज्य मंत्री डॉ. पंकज भोयर स्वयं एक शिक्षक व प्राचार्य रह चुके हैं, जिससे उन्हें शिक्षा क्षेत्र का गहरा अनुभव है। उनका मानना है कि प्राथमिक शिक्षा ही बच्चों की शिक्षा की नींव होती है, इसलिए उन्होंने प्राथमिक शिक्षा और बुनियादी सुविधाओं पर विशेष ध्यान देने की शुरुआत की है।
ग्रामीण क्षेत्र के अधिकांश विद्यार्थी किसान या खेत मजदूर परिवारों से आते हैं, जिनकी आर्थिक स्थिति कमजोर होती है। ऐसे में उन्हें शहरों में भेजना संभव नहीं होता। इसलिए इन विद्यार्थियों को अपने गांव में ही अच्छी शिक्षा मिले, यह योजना का उद्देश्य है।
पंकज भोयर ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में जिला परिषद की स्कूलें ही शिक्षा का मुख्य आधार होती हैं। यदि शुरुआती शिक्षा अच्छी मिले तो ही छात्र प्रतिस्पर्धात्मक युग में आगे बढ़ सकते हैं। इसी उद्देश्य से ‘सीएम श्री स्कूल योजना’ की शुरुआत की जा रही है, ताकि ग्रामीण छात्रों को भी शहरी व निजी स्कूलों जैसी सुविधाएं और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिल सके।