महावितरण कंपनी के खिलाफ असंतोष (सौजन्यः सोशल मीडिया)
Arvi Citizens Protest: आर्वी, आष्टी और कारंजा तहसीलों के नागरिकों ने महाराष्ट्र राज्य विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड (महावितरण) की आर्वी शाखा के अभियंता को एक ज्ञापन सौंपा है। नागरिकों ने आरोप लगाया है कि इन क्षेत्रों में लगाए जा रहे नए बिजली मीटर गलत रीडिंग दिखा रहे हैं, जिससे पहले की तुलना में कहीं अधिक बिजली बिल आ रहे हैं।गरीब और मध्यमवर्गीय उपभोक्ता इन बढ़े हुए बिजली बिलों से परेशान हैं।
नागरिकों का कहना है कि महावितरण कंपनी हर महीने अत्यधिक बिल भेज रही है, जिससे आम जनता की आर्थिक स्थिति पर गहरा असर पड़ रहा है। कई परिवार इन भारी-भरकम बिलों का भुगतान करने में असमर्थ हैं। नागरिकों ने मांग की है कि नए मीटर लगाने की प्रक्रिया तुरंत रोकी जाए, ताकि लोगों को मानसिक और आर्थिक तनाव से राहत मिल सके। उनका कहना है कि गलत बिलों के कारण किसानों की खेती पर भी असर पड़ रहा है, जबकि बेरोजगारी के दौर में इतनी बड़ी रकम चुकाना संभव नहीं है।
नागरिकों ने यह भी बताया कि सोलर पैनल लगाने वाले उपभोक्ताओं को अपेक्षित राहत नहीं मिल रही है। सोलर सिस्टम से बिजली बिल कम या शून्य आने की उम्मीद थी, लेकिन इसके विपरीत बिल और अधिक बढ़ गए हैं।
उदाहरण के तौर पर, आर्वी के जनतानगर निवासी जनाबाई बापुराव किरपाने को ₹12,920 का बिजली बिल मिला है। जनाबाई मजदूरी करके अपने परिवार का पालन-पोषण करती हैं, ऐसे में इतना बड़ा बिल भरना उनके लिए असंभव है।
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नागरिकों ने इस पूरे मामले को ‘भ्रष्टाचार और मनमानी’ से जुड़ा बताया है। उनका आरोप है कि सरकार इस स्थिति पर मौन बनी हुई है। ज्ञापन में मांग की गई है कि इस अव्यवस्था पर तुरंत कार्रवाई की जाए और आम जनता को राहत प्रदान की जाए।
नागरिकों का कहना है कि आर्वी, आष्टी और कारंजा तहसीलों में ऐसे कई मामले सामने आ रहे हैं, जिन पर सरकार और प्रशासन को संज्ञान लेना चाहिए। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि समस्या का समाधान नहीं हुआ, तो बड़े पैमाने पर आंदोलन किया जाएगा।