शरीर जितना मन भी निरोगी रखना जरूरी (सौजन्यः सोशल मीडिया)
Wardha News: छात्रों ने शरीर के स्वास्थ्य के साथ मानसिक स्वास्थ्य में स्वयं के लिए मानसिक सुदृढता टिकाने पर ध्यान देना आवश्यक है। इसके लिए व्यायाम, योगा, तनाव पर नियंत्रण पाना और स्वयं को समय देना और ध्यान करना आवश्यक है। जिनका मन स्वच्छ और आनंदी होता है. वह जीवन में सफल होते है। मन को खुश रखने के लिए शारीरिक स्वास्थ्य अच्छा होना चाहिए। हमारे जीवनशैली में अच्छी आदतें शामिल करनी चाहिए। ऐसे विचार क्लिनिकल सायकालॉजिस्ट, करिअर कौन्सिलर तथा ट्रेनर डॉ. रूपाली सरोदे ने व्यक्त किए। वह शहर के इंद्रप्रस्थ न्यू आर्ट्स, कॉमर्स एंड सायंस कॉलेज के वुमन डेवलपमेंट सेल तथा प्रियदर्शनी महिला विकास संस्था के संयुक्त तत्वावधान में व्याख्यान कार्यक्रम में प्रमुख वक्ता के रूप में बोल रही थी।
प्रमुख अतिथि प्रियदर्शनी संस्था की अध्यक्ष एड. शीतल पंकज भोयर, संस्था सचिव डॉ. अभिजित वेरूलकर, जिला अस्पताल विभाग के एन.क्यू.ए.एस. की मुख्य बाह्य मूल्याकनकर्त्या डॉ. वैशाली झाडे, प्राचार्य डॉ. आशिष ससनकर, डॉ. वैभवी उघडे मंच पर विराजमान थी। डॉ. सरोदे ने कहा मानसिक स्वास्थ्य बिगडने का कारण याने मन में आनेवाले नकारात्मक विचार है। उन्होंने निरोगी मन, निरोगी शरीर विषय पर व्याख्यान कार्यक्रम में मत व्यक्त किए. प्रास्ताविक वुमन डेवलपमेंट सेल सदस्य डॉ. वैभवी उघडे ने किया।
उन्होंने महाविद्यालय में डब्ल्यूडीसी की ओर से छात्रों के लिए मनाए जानेवाले स्वास्थ्य विषयक योजना की जानकारी दी। वैशाली झाडे ने विचार व्यक्त किए। संचालन प्रा. आश्लेषा तोवर ने किया। आभार प्रा. प्रफुल अंबोरे ने माना। सफलतार्थ प्रा. कांचन इंगोले के मार्गदर्शन में डॉ.ज्ञानेश्वर बोहरूपी, प्रा. प्रफुल अंबोरे, प्रा. संदीप पेटारे, प्रा. दीपाली काले, डॉ. निता देशभ्रतार, प्रा. प्राजक्ता गांवडे, प्रा. अर्चना तिखट, प्रा. भारती येरणे, प्रा. मिनल कुटे, प्रा. प्राची कोल्हे, प्रा. जोत्स्ना इंगले ने सहयोग किया।
मन स्वास्थ्यवर्धक होने पर सामाजिक जीवन का व्यवहार सकारात्मक रखने स्वास्थ्य विषयक जीवनशैली बड़ी होती है। छात्रों ने अच्छा जीवन पाने के लिए स्वयं में सकारात्मता निर्माण करनी चाहिए। आज हम तकनीक निमित्य मोबाइल जैसे तकनीक का ज्यादा इस्तेमाल कर रहे। जिससे मानसिक स्वास्थ्य की समस्या निर्माण होने का दिख रहा है। गलत आदतों से युवकों ने दूर रहे। ऐसे विचार व्यक्त किए।