
वर्धा. वर्धा-नागपुर महामार्ग पर केलझर स्थित बुध्द विहार परिसर के खेत में भगवान महावीर की प्राचीन प्रतिमा मंगलवार को मिली थी. जिसके बाद बुधवार नागपुर पुरातत्व विभाग की टीम केलझर पहुंची. टीम ने मूर्ती को निरीक्षण करने के बाद देर रात उसे बाहर निकाला. मंगलवार को मजदूर अशोक कुत्तरमारे की पत्थर को ठोकर लगने के बाद उसने पत्थर का बारीकी से निरीक्षण करने पर भगवान महावीर की 4 फीट प्राचीन प्रतिमा दिखाई दी़ काले पाषाण में अत्यंत प्राचीन कारीगरी वाली यह प्रतिमा है. इसके पहले भी इसी परिसर में तीर्थकर चंद्रास्वामी की प्रतिमा उत्खनन में मिली थी. केलझर गांव में निरंतर प्राचीन प्रतिमाएं मिलती रहती है.
हिंदू, बौद्ध व जैन धर्म से जुड़ी यह प्रतिमाएं हैं. इस प्राचीन गांव में चार सीढ़ियों का कुआं भी मिला था. प्राचीन मूर्ती देखने के लिये दूसरे दिन भी नागरिकों की भीड़ उमड़ी थी. प्रशासन व्दारा प्राचीन मूर्ति मिलने की सूचना नागपुर के पुरातत्व विभाग को दी गई. जिसके बाद बुधवार को पुरातत्व विभाग के अरुण मलिक, सहा.पुरातज्ञ शरद गोस्वामी, दिपक सुरा, सोनुकुवर, आदित्य राणे केलझर पुहंचे. उन्होंने मूर्ति का निरीक्षण किया.
भगवान महावीर की उक्त मूर्ति करीब 1,200 वर्ष पुरानी होने के अनुमान पुरातत्व विभाग की टीम ने लगाया है. मूर्ति का वजन अधिक होने के कारण शाम के समय जेसीबी को बुलाया गया. जेसीबी की सहायता से यह मूर्ती बाहर निकाली गई.
पुरातत्व विभाग के अधिकारियों ने प्राचीन मूर्ति का अध्ययन करने के लिये उसे नागपुर ले जाने का निर्णय लिया था. जिसकी भनक गांव के नागरिकों लगने के बाद उन्होंने विरोध दर्शाया. प्राचीन मूर्ति गांव में रहे ऐसी भूमिका नागरिकों ने लेने के कारण मूर्ति परिसर में रखी गई. गुरूवार को इस संदर्भ में क्या निर्णय होता है, इस और सभी की निगाहें लगी है.






