वर्धा न्यूज
Wardha News: वर्धा जिले के शिवभोजन केंद्र संचालकों को पिछले पांच माह से शासन की ओर से कोई अनुदान प्राप्त नहीं हुआ है। लगभग 72 लाख रुपये का अनुदान लंबित होने से केंद्र संचालक गंभीर आर्थिक तंगी का सामना कर रहे हैं, जिले में वर्तमान में 23 शिवभोजन केंद्र शुरू हैं, जिसमें वर्धा में 5 केंद्र, हिंगनघाट में 7 केंद्र, समुद्रपुर, आर्वी और आष्टी में प्रत्येकी 2 केंद्र, देवली में 3 केंद्र व कारंजा और सेलू में प्रत्येकी 1 केंद्र का समावेश है।
पहले जिले में कुल 27 केंद्र कार्यरत थे, लेकिन अनुदान न मिलने के कारण पिछले कुछ महीनों में 4 केंद्र बंद हो चुके हैं। इन केंद्रों के माध्यम से प्रतिदिन करीब 2000 से 2100 जरूरतमंद नागरिक, श्रमिक और मजदूर वर्ग को मात्र 10 रुपये में पौष्टिक शिवभोजन थाली उपलब्ध कराई जाती है। लेकिन अनुदान के अभाव में संचालकों को अपने निजी खर्च पर भोजन उपलब्ध कराना पड़ रहा है।
बढ़ती महंगाई, गैस और खाद्य सामग्री के दामों में वृद्धि से स्थिति और भी गंभीर हो गई है। संबंधित विभाग के अनुसार, जून से लेकर अक्टूबर तक यानी पांच महीनों का अनुदान शासन से प्राप्त नहीं हुआ है। अनुदान न मिलने के कारण कई केंद्रों पर कर्मचारियों का वेतन अटक गया है, गैस और राशन आपूर्तिकर्ताओं का बकाया बढ़ गया है। शिवभोजन केंद्र संचालक सरकार से मांग कर रहे हैं कि यदि इस पर जल्द निर्णय नहीं लिया, तो मजबूरन सभी केंद्र बंद करने की नौबत आएगी।
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शिवभोजन योजना महाराष्ट्र सरकार की जनहित योजनाओं में से एक मानी जाती है। यदि अनुदान वितरण में ऐसी देरी होती रही, तो न केवल केंद्र बंद होंगे, बल्कि योजना पर जनता का विश्वास भी डगमगा सकता है। यह गरीब वर्ग के लिए बड़ी हानि होगी, जो इस योजना से रोजाना भोजन प्राप्त करता है।
गरीब और जरूरतमंदों के लिए यह योजना शुरू की गई है। हम नियमपूर्वक सभी बील विभाग को पेश करते हैं। पांच माह से अनुदान नहीं मिला है। अब स्थिति ऐसी है कि खुद के पैसे से भोजन उपलब्ध करा रहे हैं। सरकार को इस पर गंभीरता से विचार कर नियमित रूप से अनुदान देना चाहिए, ऐसी मांग शिवभोजन केंद्र चालक रवी समुद्रे की है।