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वर्धा. वर्धा-गोवा शक्तिपीठ महामार्ग के लिये जमीन अधिग्रहन की प्रक्रिया अंतिम चरण में आ पहुंची है. सरकार द्वारा अधिग्रहित की जानेवाली जमीन के सिमांकन पर अंतिम मुहुर लगा दी गई है. इस संदर्भ राज्य सरकार ने राजपत्र जारी भी कर दिया है. जिले के दिग्रज गांव से इस मार्ग का प्रारंभ होगा. नागपुर-मुंबई समृद्धि महामार्ग के बाद राज्य सरकार ने वर्धा-गोवा मार्ग बनाने का निर्णय लिया है. वर्धा से सिंधुदुर्ग के बांदा तक 802 किमी का यह मार्ग होने वाला है. मार्ग पर माहूर, तुलजापुर व कोल्हापुर यह तीन शक्तीपीठ होने के कारण मार्ग को शक्तीपीठ मार्ग नाम दिया गया है. मार्च 2023 में राज्य सरकार ने इस परियोजना को मंजूरी देने के बाद जमीन अधिग्रहन की प्रक्रिया ने गति पकड़ी है.
सरकार की अधिसूचना के अनुसार समृद्धि मार्ग से जोड़कर ही यह मार्ग निकलेगा. पहले मार्ग पवनार से आरंभ होने जा रहा था़ परंतु तकनीकी कारण से वर्धा शहर से 6 किमी की दूरी पर स्थित येलाकेली इंटरचेंज से तीन किमी दूरी के बाद दिग्रज गांव के पास से यह मार्ग मुड़ेगा. जिसके बाद देवली, खर्डा होते हुए यवतमाल जिले की सिमा में पहुंचेगा. मार्ग के लिए वर्धा तहसील के सात तथा देवली तहसील के 13 गांवों की जमीन अधिग्रहित की जानेवाली है. जिसमें देवली शहर के समीप की जमीन भी अधिग्रहित होनेवाली है. इसमें वर्धा तहसील दिग्रज, पांढरकवड़ा, गणेशपुर, झाडगांव, तिगांव, रोठा, धोत्रा रेलवे तथा देवली तहसील की निमगांव, पड़ेगांव, चिकणी, देवली, इसापुर, काजलसरा, वाटखेड़ा, बाभुलगांव, सैदापुर, कर्मलापुर, वाबगांव, काशीमपुर, खर्डा गांव का समावेश है. वर्धा नदी क्रास करने के उपरांत कलंब तहसील के वंडली गांव से यह मार्ग आगे निकलेगा़
शक्तिपीठ मार्ग यवतमाल जिले के कलंब, यवतमाल, घाटंजी, आर्णी, महागांव, उमरखेड़, नांदेड जिले के हातगांव, कनमनुरी, अर्धापुर, हिंगोली जिले के वसमत, परभणी जिले के पुर्णा, परभणी, सोनपेठ, बीड़ जिले के परली, अंबेजोगाई, लातुर जिले के रेनापुर, लातुर, औंसा, उस्मानाबाद जिले के उस्मानाबाद, तुलजापुर, सोलापुर जिले के बार्शी, मोहोल, पंढरपुर, सांगोला, आटपाडी, सांगली जिले के कवटे महाकाल, तासगांव, मिरज, कोल्हापुर जिले के शिरोल, हातकंगाले, करवीर, कागल, भुदरगड, आजरा, सिंधुदुर्ग जिले के सावंतवाडी के बांदा तक जमीन अधिग्रहित की जानेवाली है.
वर्धा से बांदा तक के मार्ग पर कुल 83 हजार 600 रूपये खर्च होनेवाले हैं. एमएसआरडीसी द्वारा मार्ग का निर्माण किया जानेवाला है. 2028-29 तक मार्ग पुरा करने का लक्ष सरकार ने रखा है. टेंडर की प्रकिया अंतिम चरण में होने के कारण आने वाले दिनों में मार्ग के लिए जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया आरंभ हो सकती है. समृद्धि महामार्ग के बाद जिले को शक्तिपीठ मार्ग की एक और सौगात मिली है. जिससे जिले की मुंबई के साथ ही पुणे, कोकण व गोवा के साथ कनेक्टीवीटी बढ़ जाने के कारण रोजगार व उद्योग के लिए नए अवसर प्राप्त होंगे.