सीएम देवेंद्र फडणवीस (सोर्स: सोशल मीडिया)
Maharashtra Politics: महाराष्ट्र में स्थानीय निकाय चुनाव की आहट है। सत्तापक्ष हो या विपक्ष, सबने तैयारी शुरू कर दी है। कौन किसके साथ लड़ेगा और कौन अलग, यह तो समय ही बताएगा। लेकिन पिछले दिनों में महाराष्ट्र के राजनीतिक समीकरण बदलते नजर आ रहे हैं। ठाकरे बंधु साथ आए है तो वहीं विपक्षी गठबंधन एमवीए में दरार दिख रही है।
इन सब के बीच मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने बड़ा दावा किया है। राज ठाकरे और उद्धव ठाकरे के करीब आने और निकाय चुनाव में साथ लड़ने के अटकलों पर उन्होंने जवाब दिया। आज वर्धा में भारतीय जनता पार्टी का संभागीय मंथन सत्र हुआ। इस अवसर पर मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कार्यकर्ताओं को संबोधित किया।
मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने भी इस पर अपनी प्रतिक्रिया दी है। फडणवीस ने आगामी चुनावों को लेकर कार्यकर्ताओं को संबोधित किया। क्या महायुति राज्य में जल्द ही होने वाले स्थानीय निकाय चुनाव मिलकर लड़ेगी या अलग-अलग? यह सवाल उठ रहा है।
सीएम फडणवीस ने कहा कि स्थानीय निकाय चुनाव महायुति के रूप में लड़ने की कोशिश है। जहां तक संभव होगा, हम महायुति के रूप में लड़ेंगे। जहां तक संभव होगा, हम सौहार्दपूर्ण ढंग से लड़ेंगे। मित्रवत होना नियम नहीं है, बल्कि महायुति के रूप में लड़ना नियम है।
वहीं उद्धव और राज के मिलने को लेकर सीएम ने कहा कि इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि कौन किसके साथ लड़ रहा है या कौन अलग। मुंबई की जनता ने महायुति को महापौर बनाने का फैसला किया है, और मुंबई में महायुति का ही महापौर बनेगा।
मुंबईच्या जनतेने महायुतीचा महापौर करायचे हे मनात ठरवलेले आहे.
मुंबई की जनता ने महायुती का मेयर बनाने का मन में ठान लिया है।(वर्धा | 28-7-2025)#Maharashtra #Wardha #BMCElection pic.twitter.com/XOuBpZ7MzC
— Devendra Fadnavis (@Dev_Fadnavis) July 28, 2025
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बता दें कि 27 जुलाई को शिवसेना (यूबीटी) प्रमुख उद्धव ठाकरे के जन्मदिन के अवसर पर मनसे प्रमुख राज ठाकरे उनके निवास मातोश्री पहुंचे और उन्हें जन्मदिन की शुभकामनाएं दी। यह पिछले एक महीने के भीतर दाेनों नेताओं की दूसरी मुलाकात थी। इसके बाद राजनीतिक गलियारों में दोनों के स्थानीय निकाय चुनाव एक साथ लड़ने की चर्चाएं तेज हो गई है।
मुख्यमंत्री फडणवीस ने कहा कि विपक्षी दल चुनाव से पहले ही दुष्प्रचार अभियान चलाना और फेक नरेटिव गढ़ना शुरू कर देते हैं, क्योंकि वे विकास के मामले में सरकार से मुकाबला नहीं कर सकते। उन्होंने कहा कि विपक्षी दल विकास से जुड़े मुद्दों पर बात नहीं करना चाहते, क्योंकि वे जानते हैं कि ऐसी सूरत में नागरिक उनसे पूछेंगे कि सत्ता में रहते हुए उन्होंने क्या किया।