मेमोरियल पार्क का CM देवेंद्र फडणवीस ने किया निरीक्षण। (सौजन्यः सोशल मीडिया)
वर्धा: स्वातंत्र्यवीर सावरकर ने स्वतंत्रता संग्राम को एक अलग मोड़ दिया। सावरकर ने न केवल स्वतंत्रता सेनानी के रूप में काम किया बल्कि कई क्रांतिकारी भी तैयार किए। वर्धा में महान स्वतंत्रता सेनानी सावरकर का स्मारक बनाया गया है।जिससे नई पीढ़ी को प्रेरणा मिलेगी। सावरकर स्वतंत्रता के इतिहास के नायक हैं और उन्हें 2 बार काले पानी की सजा हुई है। ऐसे विचार मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने रखे।
मुख्यमंत्री फडणवीस ने वर्धा के बैचलर रोड स्थित स्वातंत्र्यवीर सावरकर स्मारक पार्क का दौरा किया और उनकी प्रतिमा पर श्रद्धांजलि अर्पित की। इस प्रसंग पर मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस बोल रहे थे। इस अवसर पर आदिवासी विकास मंत्री प्रा. डॉ. अशोक उइके, पालकमंत्री डॉ. पंकज भोयर, विधायक सुमित वानखेड़े, पुलिस अधीक्षक अनुराग जैन, स्वातंत्र्यवीर सावरकर समाज सेवा संगठन के अध्यक्ष श्याम देशपांडे, हरिभाऊ वाजुरकर आदि की उपस्थिति थी।
मुख्यमंत्री फडणवीस ने आगे कहा कि, हमें नई पीढ़ी में स्वतंत्रता सेनानी सावरकर की वैज्ञानिक निष्ठा को स्थापित करने की आवश्यकता है, और ऐसे प्रयास सभी को मिलकर करने होंगे। भारत में जातिगत भेदभाव के खिलाफ सावरकर की लड़ाई, जातिवाद पर उनके निबंध और एक पवित्र मंदिर का निर्माण करके समाज के अंतिम व्यक्ति को अधिकार दिलाने का उनका प्रयास, समाज में जाति प्रथा को समाप्त करने के लिए उन्होंने जो कार्य किया वह उनके जीवन का बहुत महत्वपूर्ण कार्य है।
हम उनके जेल जीवन के बारे में ‘माई लाइफ सेंटेंस’ में पढ़ सकते हैं। कोई भी देख सकता है कि वे कितने मजबूत थे। स्वातंत्र्यवीर सावरकर ने मराठी को सभी महत्वपूर्ण शब्द और भाषा शुद्धता दी, जिससे मराठी को अभिजात्य दर्जा मिला, ऐसा मुख्यमंत्री फडणवीस ने कहा। कार्यक्रम की शुरुआत में स्वातंत्र्यवीर सावरकर स्मारक समिति की ओर से मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस का अभिनंदन किया गया।
मुख्यमंत्री ने स्वतंत्रता सेनानी विनायक दामोदर सावरकर के जीवन और कार्यों पर आधारित मूर्तिकला प्रदर्शनी का अवलोकन किया। स्मारिका का विमोचन मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने किया। इस स्मारिका में राज्य के प्रसिद्ध लेखकों के लेख, सामाजिक संगठनों द्वारा क्रियान्वित विभिन्न कार्यक्रमों के चित्र आदि सम्मिलित हैं।