आर्वी बंद (सौजन्य-नवभारत)
Arvi News: नप चुनाव में हुई हार के चलते भाजपा की महिला प्रत्याशियों ने विधायक दादाराव केचे को मार्ग में रोककर उनके साथ विवादित शब्दों में वार्तालाप करने के कारण शहर राजनीति में हड़कंप मच गया है। इस निंदनीय घटना के चलते शुक्रवार को भाजपा समेत अन्य प्रमुख दलों ने आर्वी शहर बंद कर घटना की तीव्र शब्दों में आलोचना की। बताया जाता है की, भाजपा की भीतरी राजनीति के चलते यह घटनाक्रम हुआ है।
गुरुवार को विधायक दादाराव केचे रिश्तेदार को मिलने के लिए एक अस्पताल में गये थे। वहां लौटते समय भाजपा की और से नप चुनाव लड़ी कुछ महिलाएं व उनके परिजनों ने विश्रामगृह के पास केचे को रोककर उनकी गाड़ी की चाबी निकालते हुए उनके साथ गलत बर्ताव किया। पार्टी विरोध काम करते हुए हमें चुनाव में पराजित करने का आरोप महिलाओं ने केचे पर लगाया।
अपना बीच बचाव कर केचे शिवाजी महाराज प्रतिमा परिसर में पहुंचे। हमेशा की तरह एक सलून दुकान में केचे बैठे हुए थे। वहां पर भी यही महिलाएं अपने साथिदारों के साथ पहुंचीं। उन्होंने केचे के साथ विवादित शब्दों में बयानबाजी करने के कारण यहां परिस्थिति आपे के बाहर हुई। किसी ने इसकी जानकारी पुलिस को दी। परंतु पुलिस आने के पूर्व वहां उपस्थित लोगों ने केचे का बचाव किया।
उक्त घटना के बाद केचे ने आर्वी थाने में पहुंचकर शुभांगी भिवगडे, सारिका लोखंडे, लक्ष्मी घाटनासे, मनीषा बावणे, धनंजय पाटमासे, पंकज लोखंडे, रवी गाडगे, प्रतीक बावणे, संजय घटनासे, पवन सारसार व अन्य के खिलाफ शिकायत दर्ज की। समाचार लिखने तक विधायक दादाराव केचे द्वारा की गई शिकायत पर किसी भी प्रकार की कार्रवाई नहीं की गई थी। डीवाईएसपी ढोले ने इस संदर्भ में बताया कि, शिकायत के बाद यह मामला प्रक्रिया में है। वायरल वीडियो देखना शुरू है। पूर्ण जांच के बाद उचित कार्रवाई की जाएगी।
उक्त घटनाक्रम की जानकारी शहर में फैलने के बाद सभी छत्रपति शिवाजी महाराज चौराहे पर एकत्रित हुए। सभी प्रमुख दलों ने घटना का निषेध व्यक्त करने के लिए शुक्रवार को शहर बंद रखने का निर्णय लिया। आज भाजपा, कांग्रेस, राकां एसपी गुट, बीएसपी, आरपीआई, शिवसेना उबाठा, शिवसेना शिंदे गुट, सामजिक संगठनों ने मोर्चा निकालकर बंद का आवाहन किया। मोर्चा के दौरान पुलिस की कार्यप्रणाली को लेकर निषेध व्यक्त किया गया। आर्वी बंद को उत्स्फूर्त प्रतिसाद मिला।
यह भी पढ़ें – 23 की उम्र में नगरसेविका बनीं खुशबू मेंढे, उमरखेड में रचा इतिहास, वडार समाज को मिला न्याय
इस संदर्भ में विधायक दादाराव केचे ने कहा कि कल की घटना मेरे खिलाफ राजनीतिक षड़यंत्र का भाग है। इस घटना का मैं निषेध व्यक्त करता हूं। नप चुनाव में हुई हार के लिए मुझे जिम्मेदार ठहराना उचित नहीं है। चुनाव के दौरान मैने पार्टी हित में काम किया। फिर भी राजनीति से प्रेरित होकर मुझ पर झूठे आरोप लगाए जा रहे हैं।
भाजपा का विधायक सुमित वानखेड़े ने कहा कि कल की घटना का मैं खेद व्यक्त करता हुं। चुनाव के उपरांत विवाद होते है। यह मामला पार्टी स्थल पर हल हो सकता था। परंतु, नहीं हुआ। नप चुनाव के दौरान भाजपा नेता का रोल महत्वपूर्ण रहा है़ इसी का गुस्सा निकाला गया है। कांग्रेस व राकां एसपी के सहयोग से आज मोर्चा निकाला गया। इसका मतलब साफ है कि, उनके साथ भाजपा नेता के चुनाव के दौरान अच्छे संबंध थे। इसी कारण यह मोर्चा निकाला गया।