फिल्मी गीत गायन स्पर्धा में अग्निहोत्री ने किया प्रोत्साहित
Wardha News: मानवी जीवन में खुशी, दर्द और भावना का सूक्ष्म स्पंदन व्यक्त करने के लिए गीतसंगीत यह प्रभावी माध्यम है। संगीत केवल मनोरंजन नहीं है। वह मनःशांति और आत्मानंद का अमृतझरा है। संगीत यह आत्मा से संवाद साधने का साधन है। एखाद राग, भजन अथवा भक्तिगीत में तन्मयता से शामिल होकर आत्मानुभूति की प्रक्रिया शुरू होती है। ऐसे विचार शंकरप्रसाद अग्निहोत्री ने व्यक्त किए। सृजन म्यूझिकल वर्धा व जय महाकाली शिक्षण संस्था द्वारा दिवंगत किशोर कुमार के 38वें स्मृतिदिन के अवसर पर विदर्भस्तरिय खुली कराओके फिल्मी गीतगायन स्पर्धा शहर के शिवशंकर सभागार, अग्निहोत्री कॉलेज कॅम्पस रामनगर में संपन्न हुई। इस प्रसंग पर बोल रहे थे।
यह स्पर्धा तीन गुटों में विभाजित की थी। बाल गुट का प्रथम पुरस्कार रुपये पांच हजार, स्मृतिचिन्ह व प्रमाणपत्र मनीष वरघट को, द्वितीय पुरस्कार तीन हजार रूपये, स्मृतिचिन्ह व प्रमाणपत्र वर्धा की विदिशा वाटकर को तथा तृतीय पुरस्कार रुपये दो हजार, स्मृतिचिन्ह व प्रमाणपत्र अन्विषा बेलखोडे ने प्राप्त किया। जेष्ठ गुटों में प्रथम पुरस्कार 5000 रूपये, स्मृतिचिन्ह व प्रमाणपत्र प्रशांत गुजर को मिला। द्वितीय पुरस्कार रुपये तीन हजार, स्मृतिचिन्ह व प्रमाणपत्र सुरेश तायवाडे को मिला। तृतीय पुरस्कार दो हजार रूपये, स्मृतिचिन्ह व प्रमाणपत्र अशोक तुर्कीयाल ने प्राप्त किया।
युवा गुट में प्रथम पुरस्कार 15000 रुपये, स्मृतिचिन्ह व प्रमाणपत्र नागपुर के लाजरी बुरे ने प्राप्त किया। द्वितीय पुरस्कार 8 हजार रुपये, स्मृतिचिन्ह व प्रमाणपत्र जयश्री सुभेदार को मिला। स्पर्धा के परीक्षक के रूप में मनीषा देशकर कुलकर्णी, सुनील रहाटे उपस्थित थे। अंतिम फेरी स्पर्धा का परीक्षण परीक्षक पार्श्वगायिका अनुपमा देशपांडे ने किया। पुरस्कार समारोह में दीपा देशपांडे, डॉ. अजय वाणे, संतोष जोशी वणी, सुरेश गणराज, शशिकांत बागडदे, स्वाति बमनोटे, हितेश बमनोटे, रेखा राऊत, मृणालिनी बागडदे के हाथों पुरस्कार वितरित किए।
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कार्यक्रम के सफलतार्थ अक्षय काटपाताल, शाम तुपकर, निलकांत देशमुख, आदिती देशमुख, संहिता देशमुख, अविनाश रिंगने, शीतल काकडे, शेखर अग्रवाल, चारू सालवे, अजय देशमुख, प्रतिक सूर्यवंशी, सुविधा झोटिंग, प्रफुल्ल शिंगोटे, गणेश तोडे, अभिजित मिसाल, दीपक विध्वंसकर, अनुराग मिसाल, सुरेश चावरे, अभिजित रघुवंशी ने कडी मेहनत की।
स्पर्धा में निवेदक की भूमिका निलकांत देशमुख ने संभाली। स्पर्धा का पुरस्कार वितरण समारोह का निवेदन निवेदिका ज्योति भगत ने किया। विदर्भ के स्पर्धक एवं रसिकों ने दिए सहयोग पर सृजन म्यूझिकल वर्धा, जय महाकाली शिक्षण संस्था वर्धा ने आभार माना। इस अवसर पर प्राचार्य डॉ. चंद्रकांत कोठारे, डॉ. गजानन जंगमवार, डॉ. निरजसिंग यादव, डॉ. दीपक पुनसे, डॉ.प्रसाद जुमले, डॉ. दिनेश वंजारी, डॉ.रितेश सुले, प्रा.अभिषेक सिंह, प्रा.निलकंठ ढोबाले, अभिजित रघुवंशी, गणेश काले, प्राध्यापक, शिक्षक, शिक्षकेत्तर कर्मचारी, छात्र उपस्थित थे।