(प्रतीकात्मक तस्वीर)
Wardha News In Hindi: वर्धा जिले में शराब बंदी होते हुए भी जिला धड़ल्ले से चोरीछुपे शराब की बिक्री हो रही है। ऐसे में शराब विक्रेताओं के खिलाफ पुलिस ने सख्त कार्रवाई शुरू कर दी है। इस वर्ष अब तक जिले से 14 शराब विक्रेताओं पर एमपीडीए के तहत कार्रवाई की गई। जबकि 125 शराब विक्रेता व तस्करों को जिले से तड़ीपार कर दिया है। त्यौहार व उत्सवों के दिनों में शांति बनी रहे इस लिए पुलिस ने सख्त रवैया अपनाया है।
जिले में शराब विक्रेताओं के विरुध्द पुलिस ने सर्जीकल स्ट्राइक किया है। रिकॉर्ड जांच कर आरोपी के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है। जिले में अवैध शराब बिक्री किसी भी प्रकार नहीं चलेंगी, ऐसे स्पष्ट संकेत एसपी अनुराग जैन ने दिए है। साथ ही उन्होंने जनता से आहवान किया कि, कहीं पर भी अवैध शराब विक्री होती हैं तो पुलिस को जानकारी दें।
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दूसरी ओर स्थिति यह है कि गांव में किसी भी शराब विक्रेता के खिलाफ शिकायत करने पर संबंधितों को जान से मारने की धमकी मिलती है। गांवखेड़ों में शराब विक्रेता दहशत फैलाते हैं। परिणामवश डर के मारे लोग उनके खिलाफ शिकायत नहीं देते। स्थिति यह है कि, शराब विक्रेताओं की दहशत से पुलिस कार्रवाई के बाद भी पंच व गवाहदार कोर्ट में अपने बयान बदल देते है। इन सभी कारणो से शराब विक्रेताओं पर दोषसिध्द का रेशियो काफी कम है।
एमपीडीए अधिनियम, महाराष्ट्र खतरनाक गतिविधियाँ निवारण अधिनियम, 1981 का संक्षिप्त रूप है। यह भारत के महाराष्ट्र राज्य में लागू एक निवारक निरोध कानून है, जिसका उद्देश्य सार्वजनिक व्यवस्था को खतरा पहुंचाने वाली गतिविधियों में शामिल व्यक्तियों को हिरासत में लेना है। यह कानून झुग्गी-झोपड़ियों के मालिकों, शराब तस्करों, नशीली दवाओं के अपराधियों, खतरनाक व्यक्तियों और वीडियो पाइरेट्स जैसे अपराधियों के खिलाफ लगाया जाता है, और राज्य सरकार को सुरक्षा और सार्वजनिक व्यवस्था बनाए रखने के लिए उन्हें हिरासत में लेने का अधिकार देता है।