उद्धव ठाकरे (फोटो: ANI)
मुंबई. विधानसभा चुनाव की तैयारियों में जुटे शिवसेना (उद्धव गुट) को चुनाव आयोग से बड़ी राहत मिल गई है सामने आई है। चुनाव आयोग ने उद्धव गुट की मशाल के समान दिखने वाले दूसरे चुनाव चिन्हों को हटाने की मांग को स्वीकार कर लिया है। इसके बाद यह तय हो गया है कि उद्धव गुट अब विधानसभा चुनाव मशाल चुनाव चिन्ह के साथ और जोश के साथ लड़ेगा।
बता दें कि उद्धव गुट ने चुनाव आयोग को पत्र लिखकर बताया था कि वह विधानसभा चुनाव मशाल चुनाव चिन्ह पर ही लड़ना चाहता है। इसके साथ उद्धव गुट ने चुनाव आयोग से मशाल जैसे दिखने वाले दूसरे चुनाव चिन्हों को हटाने की मांग की थी। उद्धव गुट का दावा था कि लोकसभा चुनाव में मशाल जैसे दूसरे चुनाव चिन्हों के कारण शिवसेना (उद्धव गुट) समर्थक मतदाताओं को वोट डालने में परेशानी हुई थी।
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मतदाता समान चिन्हों के कारण दुविधा में पड़ गए और इससे उसे नुकसान उठाना पड़ा था। इसलिए मशाल चुनाव चिन्ह से मिलते-जुलते सभी चिन्ह हटा दिए जाएं ताकि विधानसभा चुनाव में ऐसा न हो। उद्धव गुट ने यही मांग बैलेट पेपर और ईवीएम मशीन पर मशाल का चुनाव चिन्ह को लेकर भी की है और यह भी कहा है कि ईवीएम पर मशाल चुनाव चिन्ह स्पष्ट रूप से प्रदर्शित हों, ऐसा प्रबंध किया जाना चाहिए। चुनाव आयोग ने उद्धव गुट की इन मांगों को मान लिया है।
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गौरतलब है कि एकनाथ शिंदे के शिवसेना से बगावत के बाद महा विकास अघाड़ी की सरकार गिर गई थी। वहीं, चुनाव आयोग ने भी शिंदे गुट को ही असली शिवसेना माना, जिसके चलते उद्धव गुट को चुनाव चिन्ह तीर और धनुष से हाथ धोना पड़ा। चुनाव आयोग ने उद्धव गुट को शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) नाम और चुनाव चिन्ह मशाल दिया। इसी चिन्ह पर उद्धव गुट के नौ सदस्य लोकसभा पहुंचे हैं।