राज ठाकरे और उद्धव ठाकरे (डिजाइन फोटो)
मुंबई: महाराष्ट्र के राजनीति एक बार फिर से करवट लेने वाली है। मराठी के मुद्दे पर शिवसेना (यूबीटी) प्रमुख उद्धव ठाकरे और मनसे प्रमुख राज ठाकरे एक मंच पर आ गए हैं। इसके बाद से ही विपक्षी गठबंधन महाविकास आघाडी (MVA) के भविष्य पर सवाल उठने शुरू हो गए हैं। राज के साथ आने के बाद उद्धव एमवीए से किनारा करते हुए दिखाई दे रहे हैं।
शिवसेना (यूबीटी) प्रमुख उद्धव ठाकरे ने सांसद संजय राउत के साथ एक इंटरव्यू में कहा है कि मनसे प्रमुख राज ठाकरे के साथ गठबंधन हो गया है। ठाकरे बंधु कुछ दिन पहले मराठी आवाज़ कार्यक्रम में साथ आए थे, लेकिन अभी तक उनके बीच राजनीतिक गठबंधन नहीं हुआ है। ऐसे में उद्धव ठाकरे ने राज के साथ होने की बात कहकर अप्रत्यक्ष रूप से गठबंधन का ऐलान कर दिया है।
राउत के एक सवाल का जवाब देते हुए उद्धव ठाकरे ने इस बात की पुष्टि की कि राज ठाकरे के साथ राजनीतिक गठबंधन हो गया है। लेकिन मनसे या राज ठाकरे की ओर से अभी तक गठबंधन को लेकर कोई घोषणा नहीं की गई है। मनसे की बैठकों का दौर जारी है। इसमें पदाधिकारियों की राय ली जा रही है।
वहीं दूसरी ओर उद्धव ठाकरे ने एमवीए की एकता पर सवाल उठाया है। उन्होंने कि अगर 2024 के महाराष्ट्र विधानसभा की तरह सीट बंटवारे और उम्मीदवारों के चयन में देरी जैसी गलतियां दोबारा हुईं तो महाविकास आघाडी (MVA) का क्या औचित्य रह जाएगा।
उद्धव ने कहा कि 2024 के लोकसभा चुनाव में एमवीए के प्रभावशाली प्रदर्शन के बाद उत्साह था। लेकिन विधानसभा चुनाव के दौरान पार्टियों ने इसे खुद के जीतने पर केंद्रित कर दिया और यह व्यक्तिगत अहंकार में बदल गया। इसके कारण विधानसभा चुनाव करारी हार का सामना करना पड़ा।
शिवसेना (यूबीटी) के मुखपत्र ‘सामना’ को दिए इंटरव्यू में उद्धव ठाकरे ने इस बात पर अफसोस जताया कि उनकी पार्टी को लोकसभा चुनाव के दौरान अपने एमवीए सहयोगियों को वे सीट देनी पड़ीं, जो उसने पहले कई बार जीती थीं।
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विधानसभा चुनाव के दौरान एमवीए सीट बंटवारे पर बातचीत आखिरी क्षण तक चली। सहयोगियों के बीच के इस झगड़े से जनता के बीच एमवीए बारे में गलत संदेश गया। उद्धव ठाकरे ने कहा कि यह एक गलती थी जिसे सुधारना होगा। अगर भविष्य में ऐसी गलतियां होती रहीं तो साथ रहने का कोई मतलब नहीं है।
बता दें कि 2024 के लोकसभा चुनावों में एमवीए ने महाराष्ट्र की 48 में से 30 सीट जीती थीं, लेकिन महज 5 माह बाद हुए विधानसभा चुनाव में भाजपा के नेतृत्व वाले गठबंधन महायुति ने एमवीए को करारी शिकस्त दी। विधानसभा की 288 सीटों में से शिवसेना (यूबीटी), एनसीपी (एसपी) और कांग्रेस को कुल मिलाकर 46 सीट पर जीत मिली।
वहीं दूसरी ओर महायुति गठबंधन में भाजपा ने सर्वाधिक 132 सीट जीतीं, जबकि एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना ने 57 और अजित पवार की राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी ने 41 सीट जीतीं।