मंत्री उदय सामंत ने मनोज जरांगे से की मुलाकात (सोर्स: एक्स@samant_uday)
मुंबई: महाराष्ट्र में मराठा आरक्षण आंदोलन एक बार फिर चर्चा में आ गया है। आरक्षण की मांग को लेकर लंबे समय से सक्रिय नेता मनोज जरांगे अब निर्णायक मोड़ पर पहुंच गए हैं। विधानसभा चुनाव के बाद से यह मामला थाेड़ा शांत था। हालांकि जनवरी में मनोज जरांगे ने फिर से आंदोलन शुरू किया था लेकिन सरकार पर इसका खास असर नहीं दिखा। अब एक बार फिर से मराठा आरक्षण को लेकर राज्य में हलचल तेज हो गई है।
मराठा आरक्षण कार्यकर्ता मनोज जरांगे ने राज्य की महायुति सरकार को चेतावनी दी है कि अगर जल्द ही समाधान नहीं निकला तो पूरे राज्य में आंदोलन तेज किया जाएगा। जरांगे ने उदय सामंत के साथ बैठक के दौरान यह बात कही।
दरअसल, 16 अप्रैल को बीड दौरे पर आए महायुति सरकार के उद्योग मंत्री उदय सामंत छत्रपति संभाजीनगर जाते समय अचानक मनोज जरांगे से मिले। इस मुलाकात को अहम माना जा रहा है। बैठक के बाद उदय सामंत ने कहा कि मनोज जरांगे की मांगों को लेकर 23 अप्रैल को मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के साथ बैठक की जाएगी।
आज बीड जिल्हा दौऱ्यानिमित्त मराठा आंदोलक मनोज जरांगे पाटील यांची सदिच्छा भेट घेतली.
⁰यावेळी त्यांनी आदरपूर्वक माझा सत्कार केला, आणि आम्ही विविध सामाजिक व समकालीन विषयांवर सविस्तर चर्चा केली.या प्रसंगी खासदार संदीपान भुमरे आणि महायुतीचे पदाधिकारी उपस्थित होते.#udaysamant… pic.twitter.com/Xjf4mzDxe6
— Uday Samant (@samant_uday) April 16, 2025
इस मुलाकात के बाद मराठा आरक्षण को लेकर कुछ हल निकलने रास्ता साफ हो सकता है। हालांकि मनोज जरांगे सीएम देवेंद्र फडणवीस पर लगातार हमलावर है। वह फडणवीस को ही मराठा आरक्षण के बीच का रोड़ा बता चुके हैं। ऐसे में यह मुलाकात अहम मानी जा रही है।
गौरतलब है कि मनोज जरांगे पिछले दो साल से मराठा आरक्षण के लिए संघर्ष कर रहे हैं। इससे पहले भूख हड़ताल के दौरान सरकार ने उन्हें कुछ आश्वासन दिए थे, लेकिन अब उन आश्वासनों की समय सीमा समाप्त हो गई है। ऐसे में जरांगे एक बार फिर सड़कों पर उतरने की तैयारी कर रहे हैं।
मनोज जरांगे की मुख्य मांगें हैं कि सभी मराठा लोगों को सर्वमान्य ‘कुनबी’ प्रमाण पत्र दिया जाए। इसके साथ ही मराठा समुदाय के लिए पहले से घोषित तीनों राजपत्र (सरकारी फैसले) को पूरी तरह लागू किया जाए। इसके अलावा जिन अधिकारियों ने अब तक कुनबी प्रमाण पत्र जारी नहीं किए हैं, उन्हें निलंबित किया जाए और कुनबी रिकॉर्ड खंगालने की प्रक्रिया में तेजी लाई जाए।
महाराष्ट्र की अन्य खबरें पढ़ने के लिए इस लिंक पर क्लिक करें
जरांगे ने साफ कहा है कि अगर 23 अप्रैल की बैठक में कोई ठोस निर्णय नहीं लिया गया तो मुंबई में राज्यव्यापी बैठक बुलाकर बड़ा आंदोलन शुरू किया जाएगा। ऐसे में यह बैठक सरकार और मराठा समुदाय दोनों के लिए निर्णायक मानी जा रही है।