एकनाथ शिंदे (सोर्स: सोशल मीडिया)
मुंबई: महाराष्ट्र की 15वीं विधानसभा के लिए हुए चुनाव में ऐतिहासिक जीत दर्ज करने वाली बीजेपी नीत महायुति सरकार का पहला अधिवेशन यानी शीतकालीन सत्र नागपुर में सोमवार से शुरू हो रहा है। इससे पहले मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के नेतृत्ववाली नई सरकार का पहला कैबिनेट विस्तार होगा और नवनिर्वाचित मंत्री शपथ ग्रहण करेंगे। मंत्रियों की सूची में जगह पाने के लिए महायुति के सभी घटक दलों में शनिवार की देर शाम तक लॉबिंग चलती रही।
हालांकि ऐसे ही प्रयासों के दौरान पूर्व मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की शिवसेना के दो बड़े नेताओं को जोर का झटका सहना पड़ा। शिवसेना में हुई ऐतिहासिक बगावत के दौरान साथ देने वाले इन दोनों बड़े नेताओं की पांच घंटे इंतजार के बाद भी एकनाथ शिंदे से मुलाकात नहीं हो सकी। महाराष्ट्र के सियासी गलियारे में पूर्व में मंत्री रहे इन नेताओं का पत्ता नई सरकार में पत्ता कटने की चर्चा जोरों पर चल रही है।
महायुति की नई सरकार में मंत्री बनने के लिए बीजेपी विधायक देवेंद्र फडणवीस के सागर बंगले पर शनिवार की देर रात तक लाइन लगाए रहे तो वहीं शिंदे की शिवसेना के विधायक वर्षा बंगले पर पहुंचे थे। बताया जा रहा है कि शनिवार की रात संजय शिरसाट, योगेश कदम, विजय शिवतारे, भरत गोगावले, बालाजी किणीकर, उप मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे से मिलने पहुंचे थे।
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उनकी शिंदे से मुलाकात भी हुई लेकिन ऐसे प्रयासों में पूर्व स्वास्थ्य मंत्री तानाजी सावंत एवं स्कूली शिक्षा मंत्री दीपक केसरकर नाकाम रहे। बताया जा रहा है कि शिंदे ने इससे पहले सातारा स्थित अपने गांव दरेगांव में भी बीमारी का बहाना बनाकर केसरकर से मिलने से इनकार कर दिया था।
दीपक केसरकर और तानाजी सावंत ने बगावत के समय एकनाथ शिंदे के साथ मजबूती से खड़े दिखे थे। इसके इनाम स्वरूप शिंदे ने पहले मौके पर उन्हें मंत्री भी बनाया था। लेकिन शिंदे के नेतृत्ववाली महायुति सरकार के दौरान तानाजी सावंत पर एंबुलेंस घोटाले के आरोप लगे। वहीं केसरकर के स्कूली शिक्षा विभाग में भी भारी गड़बड़ी के आरोप लगे थे। सूत्रों का कहना है कि इसी वजह से नई सरकार के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने सावंत और केसरकर को मंत्री बनाने को तैयार नहीं है।
सूत्रों का दावा है कि शिंदे से मंत्री पद मिलने की उम्मीद खत्म होने के बाद शिवसेना के नेता देवेंद्र फडणवीस की शरण में पहुंच रहे हैं। इनमें तानाजी सावंत, दीपक केसरकर के अलावा मंत्री पद की चाह रखने वाले संजय राठौड़ और संजय शिरसाट भी शामिल बताए जा रहे हैं।