ठाणे एमएसीटी का फैसला (pic credit; social media)
Thane MACT: ठाणे से एक राहत भरी खबर सामने आई है। मोटर दुर्घटना दावा न्यायाधिकरण (एमएसीटी) ने तीन साल पहले कार दुर्घटना में घायल हुई दो महिलाओं को 11.07 लाख रुपये का मुआवजा देने का आदेश सुनाया है। यह आदेश एमएसीटी सदस्य आरती मोहिते ने दिया और साफ कर दिया कि दुर्घटना के लिए जिम्मेदार चालक प्रवीण रामदास शिदि और बीमा कंपनी दोनों को संयुक्त रूप से और अलग-अलग मुआवजा देना होगा।
मामला अप्रैल 2022 का है जब रायगढ़ के रोहा इलाके में वजरोली के पास एक कार पेड़ से टकराकर दुर्घटनाग्रस्त हो गई थी। इस हादसे में येन पंचायत समिति कार्यालय में कार्यरत वर्षा नीलेश दलवी और उनकी साथी स्नेहा प्रवीण पाटिल गंभीर रूप से घायल हो गई थीं। हादसे के बाद दोनों महिलाओं को लंबे समय तक इलाज से गुजरना पड़ा और उनकी कार्यक्षमता भी प्रभावित हुई।
एमएसीटी ने सुनवाई के दौरान पाया कि वर्षा दलवी की कार्यात्मक अक्षमता 10 प्रतिशत और स्नेहा पाटिल की 15 प्रतिशत रही है। इसके आधार पर ट्रिब्यूनल ने दोनों को मुआवजा देने का आदेश सुनाया। साथ ही यह भी स्पष्ट किया गया कि बीमा कंपनी यह साबित करने में असफल रही कि वाहन चालक के पास वैध ड्राइविंग लाइसेंस नहीं था। ऐसे में कंपनी पर भी मुआवजा देने की जिम्मेदारी तय हो गई।
इस आदेश में यह भी कहा गया कि दोनों महिलाओं को मुआवजे की राशि 18 मई 2022 से 9 प्रतिशत वार्षिक ब्याज सहित मिलेगी। इस फैसले ने न केवल पीड़ितों को न्याय दिलाया बल्कि उन तमाम लोगों के लिए एक मिसाल कायम की जो वर्षों से मुआवजे के इंतजार में हैं।
स्थानीय लोगों और कानूनी जानकारों का कहना है कि ऐसे फैसले पीड़ितों को राहत तो देते ही हैं, साथ ही बीमा कंपनियों और वाहन मालिकों को भी सावधान करते हैं कि लापरवाही की कीमत चुकानी पड़ सकती है। यह फैसला उन परिवारों के लिए उम्मीद की किरण है जो सड़क हादसों में अपनों को खोने या चोटिल होने के बाद न्याय की राह देख रहे हैं।