मुंबई लोकल (सौ. सोशल मीडिया )
Thane Kalyan Railway: मुंबई की उपनगरीय रेल व्यवस्था की रीढ़ माने जाने वाला 10।8 किलोमीटर लंबा ठाणे-कल्याण रेलखंड अब सेंट्रल रेलवे के लिए सबसे बड़ी चुनौती बन गया है। इस छोटे से सेक्शन से हर दिन 1,000 से अधिक ट्रेनें गुजरती हैं।
तेजी से बढ़ती यात्री संख्या और सीमित ट्रैक क्षमता के कारण ट्रेन संचालन पर लगातार दबाव बढ़ रहा है। इसी को देखते हुए सेंट्रल रेलवे ने इस मार्ग पर 7वीं और 8वीं रेल लाइन बिछाने की दिशा में अहम कदम उठाया है।
रेलवे अधिकारी ने बताया कि ठाणे-कल्याण-परेल सेक्शन पर अतिरिक्त लाइनों की संभावनाओं को परखने के लिए ‘फाइनल लोकेशन सर्वे’ (एफएलएस) शुरू कर दिया गया है। यह सर्वे एक विस्तृत तकनीकी अध्ययन होता है, जिसमें नई पटरियों का सटीक रास्ता तय किया जाता है।
इसमें यह भी देखा जाता है कि कहां जमीन उपलब्ध है, कहां पुल, स्टेशन या अन्य ढांचे बनाने होंगे और किन हिस्सों में भूमिगत (अंडरग्राउंड) लाइन का विकल्प अपनाया जा सकता है। रेलवे के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार, “एफएलएस अध्ययन शुरू हुए कुछ ही हफ्ते हुए हैं।
पहले चरण में हम ठाणे-कल्याण कॉरिडोर पर ध्यान दे रहे हैं, क्योंकि यही सबसे अधिक भीड़ वाला हिस्सा है। सर्वे पूरा होने के बाद ही यह साफ होगा कि कहां जमीन के ऊपर और कहां जमीन के नीचे रेल लाइन डाली जा सकती है।”
यह सेक्शन इसलिए भी बेहद महत्वपूर्ण है, क्योंकि ठाणे, दिवा और कल्याण जैसे स्टेशन बड़े जंक्शन हैं। ठाणे से ट्रांस हार्बर लाइन पनवेल की ओर जाती है। दिवा से रोहा तक ट्रेनें चलती हैं। वहीं, कल्याण से मुख्य लाइन दो हिस्सों में बंटती है। एक कसारा की ओर और दूसरी कर्जत-खोपोली की ओर।
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ठाणे-कल्याण सेक्शन की लंबाईः 10.8 किमी
रोजाना गुजरने वाली ट्रेनें: 1,000+
दैनिक उपनगरीय सेवाएंः करीब 1,200
दैनिक यात्री संख्याः 12-15 लाख
दिवा स्टेशन पर रुकने वाली लोकल ट्रेनें: 70-75% (894 में से)
दिवा लेवल क्रॉसिंग बंद होने की औसत संख्याः 39 बार/दिन
एफएलएस रिपोर्ट अपेक्षितः 2026 के मध्य तक
ठाणे से नवभारत लाइव के लिए अभिषेक पाठक की रिपोर्ट